Chhattisgarh: प्रदेश में औद्योगिक विकास को दिया जा रहा बढ़ावा, लीज होल्ड वाली भूमि होगी फ्री होल्ड

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सरकार और प्रशासन की ओर से लगातार औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। अनुकूल औद्योगिक वातावरण बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

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सेमीनार में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने तथा प्रक्रियाओं को सरल एवं प्रभावी बनाने की दिशा में चर्चा की गई, ताकि उद्योगपतियों को होने वाली कठिनाईयां कम हो सके।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सरकार और प्रशासन की ओर से लगातार औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। अनुकूल औद्योगिक वातावरण बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए लीज होल्ड भूमि से फ्री होल्ड भूमि करने के लिए रायपुर (Raipur) में औद्योगिक सेमीनार का आयोजन किया गया। चार हेक्टेयर या 10 एकड़ तक ऋण मुक्त भूमि पर काबिज उद्योगपति सरकार की योजना का लाभ ले सकते हैं। इससे कोरोना काल में बदहाल उद्योगों को विकास की नई गति मिल सकती है।

सेमीनार में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने तथा प्रक्रियाओं को सरल एवं प्रभावी बनाने की दिशा में चर्चा की गई, ताकि उद्योगपतियों को होने वाली कठिनाईयां कम हो सके। नवीन औद्योगिक नीति के संदर्भ में उद्योगों को प्रदान किए जाने वाले अनुदान सुविधाओं, छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि आबंटन नियम के सरलीकरण एवं औद्योगिक क्षेत्र में लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड भूमि में परिवर्तित करने पर चर्चा की गई।

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कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने सेमीनार को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 संक्रमण के समय में लगातार उत्पादन कर उद्योगों ने राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाए रखा और यहां देशव्यापी आर्थिक मंदी का असर नहीं पड़ा। उन्होंने कहा कि जिला व्यापार उद्योग केन्द्र द्वारा निरंतर उद्यमियों को सहयोग प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने उद्योगपतियों से यहां के स्थानीय निवासियों को रोजगार देने पर जोर दिया। उन्होंने बड़ी संख्या में उद्योगपतियों के इस सेमीनार में शामिल होने पर खुशी जाहिर की।

जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक एसके सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 के अंतर्गत पट्टे पर औद्योगिक क्षेत्रों, पार्कों अथवा अन्य नामों से स्थापित एवं संस्थानों के नियंत्रण में संचालित औद्योगिक क्षेत्रों में जो कि शासन की अधिसूचना 31 अक्टूबर 2019 के द्वारा निर्धारित प्रावधानों के अनुसार विभाग द्वारा पट्टा अभिलेख द्वारा किए गए भूमि आबंटन रकबा चार हेक्टेयर या 10 एकड़ तक की एकचक भूमि के प्रकरणों पर प्रभावशील होंगे। इकाईयों को आबंटित एकचक भूमि या इससे कम पट्टा अभिलेख पर आबंटित भूमि इस प्रावधान के अंतर्गत फ्री होल्ड की जाएगी।

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इकाईयों को पट्टा अभिलेख में उल्लेखीत मूल प्रयोजन हेतु इकाईयों द्वारा प्रथम उत्पादन दिनांक से 10 सालों अथवा उससे अधिक अवधि से उद्योग उत्पादन प्रारंभ किया हो, उन इकाईयों को फ्री होल्ड पर भूमि प्राप्त करने की प्राथमिकता होगी। इकाई को फ्री होल्ड किए जाने की सहमति संबंधित भू- खंड पर लिए गए ऋण अग्रिम आदि के भार से मुक्त हो सकने की स्पष्ट स्थिति पर दी जाएगी। यदि किए इकाई द्वारा आबंटित भूमि अतिरिक्त अन्य भूमि पर अतिक्रमण, अवैध आधिपत्य पाया जाता है, तो ऐसी इकाईयों को फ्री होल्ड की पात्रता नहीं होगी। उन्होंने लीज होल्ड से फ्री होल्ड की प्रक्रिया की जानकारी दी।

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उद्योग संचालनालय रायपुर से आए संयुक्त संचालक उद्योग संजय सिन्हा ने नवीन औद्योगिक नीति के अंतर्गत विस्तृत जानकारी दी। स्थायी पूंजी निवेश, अनुदान, ब्याज अनुदान, वनांचल पैकेज के बारे में उन्होंने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड भूमि में परिवर्तित किया गया है। जिसमें शासन के नियमानुसार उद्योग विभाग की भूमि जो उद्योगपतियों को लीज पर 99 वर्ष के लिए दी जाती थी। अब नियम में परिवर्तन के बाद उद्योगपति को संपत्ति का मालिकाना हक मिल जाएगा। उद्योगपतियों ने सेमीनार के दौरान अपनी शंकाओं को दूर किया।

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