मदर्स डे पर मां ने शहीद बेटे की अर्थी को कंधा दिया तो रो पड़ा पूरा शहर, पिता ने दी मुखाग्नि

मदर्स डे के दिन 21 पंजाब रेजीमेंट के वीर जवान परगट सिंह (Pargat Singh) की अर्थी को कंधा देते हुए उनकी मां को जिसने भी देखा, उसका कलेजा दर्द से फट गया।

Pargat Singh

जवान परगट सिंह (Pargat Singh) 25 अप्रैल को सियाचिन में बर्फीले तूफान की चपेट में आ गए थे। इसके बाद से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। शनिवार रात उनकी हालत बिगड़ गई और वह शहीद हो गए।

गुरुदासपुर: 9 मई को जब पूरा देश मदर्स डे मना रहा था तो पंजाब की एक मां ऐसी भी थी, जो अपने शहीद बेटे की अर्थी को कंधा दे रही थी।

मदर्स डे के दिन 21 पंजाब रेजीमेंट के वीर जवान परगट सिंह (Pargat Singh) की अर्थी को कंधा देते हुए उनकी मां को जिसने भी देखा, उसका कलेजा दर्द से फट गया, आंखें आंसुओं से भीग गईं और कहने के लिए कोई शब्द नहीं बचा। शहीद जवान परगट सिंह महज 24 साल के थे।

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दरअसल जवान परगट सिंह (Pargat Singh) 25 अप्रैल को सियाचिन में बर्फीले तूफान की चपेट में आ गए थे। इसके बाद से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। शनिवार रात उनकी हालत बिगड़ गई और वह शहीद हो गए।

रविवार को शहीद जवान का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा तो सबका कलेजा कांप उठा। रविवार को ही देश मदर्स डे मना रहा था और उसी दिन शहीद परगट सिंह की मां अपने बेटे का मृत शरीर देख रही थीं। शहीद का मृत शरीर देखकर उनकी मां और बहन चीख-चीखकर रो रही थीं।

इसके बाद शहीद जवान का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार से पहले शहीद की मां और बहन ने उन्हें सेहरा पहनाया और पिता प्रीतम सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी। परगट सिंह की अभी शादी नहीं हुई थी और वह परिवार के इकलौते बेटे थे।

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