नागरिकता संशोधन अधिनियम: सोशल मीडिया अकाउंट से अफवाह फैला रहा पाक

Citizenship Amendment Act

भारत की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान से संचालित 5,000 से ज्यादा सोशल मीडिया अकाउंट को चिह्नित किया है, जो नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act), 2019 पर गलत और झूठी जानकारियां फैला रहे हैं। इनमें से कुछ हैंडलर्स भारत में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के लिए फर्जी वीडियोज का उपयोग कर रहे हैं।

Citizenship Amendment Act

भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जो जाति, धर्म, नस्ल आदि के आधार पर भेदभाव नहीं करता है। भारत सरकार द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) में ऐसी कोई भी बात नहीं है जिससे देश के मुसलमानों को डरने की जरूरत है। लेकिन सरकार के इस फैसले के खिलाफ देश की विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ दुश्मन मुल्क भी भारतीय मुसलमानों को भड़का कर देश की शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि इस कानून (Citizenship Amendment Act) में साफ तौर पर कहा गया है कि धार्मिंक उत्पीड़न के आधार पर दूसरे मुल्कों से शरणार्थी बनकर अभाव भरी जिंदगी जी रहे हिन्दू, बौद्ध, जैन, पारसी, सिख और ईसाई लोगों को नागरिकता प्रदान की जाएगी। हमारे देश के मुसलमानों का इसमें कहीं कोई जिक्र ही नहीं है फिर भी इसकी आड़ में पाकिस्तान भारत में उन्माद फैलाने की साजिश रच रहा है।

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सुरक्षा विभाग के एक सूत्र ने कहा, पाकिस्तान की कुछ प्रमुख हस्तियां भी अपने निजी हैंडल्स से जानकारियां साझा कर रही हैं। ये हैंडलर्स पिछले 48 घंटों से काफी सक्रिय हैं। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्फी तक झूठी जानकारियों से भरे ट्वीट कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया, भारत से आ रहे कई मैंसेजों में से मैं सिर्फ यह मैसेज ट्वीट कर रहा हूं। दिल्ली के जामिया मिल्लिया स्थित मस्जिद में पुलिस की बर्बर हिंसा पर लड़की रो रही है। प्रधानमंत्री मोदी की फासीवादी हिंदुत्व सरकार मुस्लिमों के साथ युद्ध कर रही है।

एजेंसियों ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ट्रोल ब्रिगेड की कमान संभाल रखी है। पाकिस्तान के सोशल मीडिया हैंडलर्स ने भी रविवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दौरान छात्रा के घायल होने की फर्जी खबरें पोस्ट कीं। भारतीय सुरक्षा बलों के संज्ञान में आते ही उन्होंने इसे तुरंत खारिज कर दिया।

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