नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने जारी की 14 पन्नों की बुकलेट, जानें पूरा मामला

कुख्यात नक्सली संगठन (Naxal Organization) भाकपा माओवादी (Communist Party of India- Maoist) अब नए पैंतरे अपना रहा है। ताजा मामले में नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों की सेंट्रल कमेटी ने 14 पन्नों का एक बुकलेट जारी किया है।

Naxal Organization

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इस बुकलेट में कहा गया है कि नक्सली (Naxalites) आगे जनाधार बढ़ाने के साथ-साथ संगठन (Naxal Organization) को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। 

कुख्यात नक्सली संगठन (Naxal Organization) भाकपा माओवादी (Communist Party of India- Maoist) अब नए पैंतरे अपना रहा है। ताजा मामले में नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों की सेंट्रल कमेटी ने 14 पन्नों का एक बुकलेट जारी किया है। इस बुकलेट में नक्सलियों ने अपनी आगे की तय की गई रणनीति के बारे में बताया है।

सेंट्रल कमेटी की ओर से जारी इस बुकलेट के मुताबिक, बिहार-झारखंड, पूर्वी बिहार और पूर्वोतर झारखंड, दंडकारण्य को आधार इलाका बनाने का लक्ष्य रखा गया है। नक्सली आगे इस इलाके में जनाधार बढ़ाने के साथ-साथ संगठन (Naxal Organization) को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। सेंट्रल कमेटी 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीद स्मृति सप्ताह मनाने की बात भी कही है।

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कमेटी के द्वारा जारी किए गए बुकलेट में यह भी बताया गया है कि नक्सलियों को कोविड-19 महामारी की वजह से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसकी वजह से अबतक पूरे देश में 13 नक्सलियों की मौत हुई है।

माओवादी सेंट्रल कमेटी ने फैसला लिया है कि वह मारे गए कैडरों को जिन्हें वो शहीद मानते हैं उनकी स्मृति में गांव- गांव व शहरों तक में कार्यक्रम कराएंगे। इसके लिए स्मारकों का भी निर्माण किया जाएगा, साथ ही अन्य नाटक-गीतों के जरिए उनके बारे में जानकारी दी जाएगी। उनके परिवारों को भी कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।

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जानकारी के मुताबिक, बीते एक साल में देशभर में 160 नक्सलियों की मौत पुलिस मुठभेड़ या अन्य वजहों से हुई है। नक्सलियों की ओर से जारी किए गए आंकड़ों की मानें तो झारखंड- बिहार में 11 कैडर मारे गए हैं। जबकि सबसे अधिक मौते दंडकारण्य में हुई है, यहां 101 नक्सली कैडर मारे गए हैं।

वहीं, ओडिशा में 14, महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में आठ, आंध्र ओडिशा सीमा क्षेत्र में 11 , पश्चिमी घाटी में एक और तेलंगाना में 14 कॉमरेड मारे गए हैं। 160 में 30 महिला नक्सली है जिनकी मौत हुई है।

इसके अलावा, अपने बुकलेट में नक्सलियों ने घोषणा की है कि वह छापेमारी युद्ध नीतियों का पालन करेंगे। साथ ही अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक सारे कदम उठाए जाएंगे। नक्सलियों ने दंडकारण्य के इलाके में ड्रोन के इस्तेमाल का भी विरोध किया है।

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नक्सलियों की ओर से जारी यह बुकलेट छत्तीसगढ़, झारखंड सहित अन्य नक्सल प्रभावित राज्यों में सुरक्षाबलों के लिए मुश्किल बन सकता है। इसमें नक्सलियों ने अपने नापाक इरादे जाहिर किए हैं। हालांकि, नक्सलियों की ओर से पैदा होनेवाले खतरों को लेकर पुलिस प्रशासन और सुरक्षाबल सतर्क हैं। उनकी हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

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