म्यांमार के मौजूदा हालात से भारत चिंतित, भारतीय सरहद में पड़ोसी देश के नागरिकों के गैर कानूनी प्रवेश पर रोक

भारत–म्यांमार (Myanmar) सरहद में एक फ्री मूवमेंट रिजीम (FMR) है जो सरहद के करीब रहने वाले जनजातियों को बिना वीजा के 16 किमी तक की यात्रा करने की अनुमति देता है।

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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बल असम राइफल्स को ये निर्देश दिया है कि वह म्यांमार (Myanmar) के किसी भी राष्ट्रीय नागरिक को भारतीय इलाके में आने से रोके। साथ ही उनके द्वारा भारतीय सरहद को पार करने के तरीके पर रोक लगाने की भी कोशिश करें।

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असम राइफल्स पूर्वोत्तर में भारत–म्यांमार (Myanmar) सरहद की रक्षा करती है और बीएसएफ बांग्लादेश से लगी सरहद पर तैनात रहती है। अर्धसैनिक बल के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि ऊपर से मिला ये निर्देश स्पष्ट था कि बिना वैध वीजा या यात्रा परमिट के म्यांमार के किसी भी नागरिक को भारत में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

भारत–म्यांमार (Myanmar) सरहद में एक फ्री मूवमेंट रिजीम (FMR) है जो सरहद के करीब रहने वाले जनजातियों को बिना वीजा के 16 किमी तक की यात्रा करने की अनुमति देता है। दरअसल‚ सरहद के 10 किमी के दायरे के अंदर करीब 250 गांव हैं जिनमें तीन लाख से ज्यादा लोग रहते हैं जो अकसर 150 छोटे और बड़े औपचारिक और अनौपचारिक क्रासिंग के जरिए सरहद पार करते हैं।

यह आदेश जारी होने के बाद म्यांमार (Myanmar) के आधिकारियों ने अपने उन आठ पुलिसवालों को तत्काल वापस आने के लिए कह दिया है जो उस पार गए थे। इन पुलिसवालों ने राज्य के अधिकारियों को बताया है कि राज्य में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाने से इनकार करने के बाद उन्हें सेना ने घेर लिया था। अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि राज्य प्रशासन ने केवल आठ पुलिसवालों को ही वापसी के लिए कहा है क्योंकि मिजोरम से मिली रिपोर्ट के मुताबिक वहां लगभग 30 लोग हैं।

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