नगालैंड: असम राइफल्स ने म्यांमार सीमा से 3 उग्रवादियों को धर दबोचा, भारत में हमले की थी योजना

स्थानीय पुलिस की मदद से सीमाई कस्बे में चलाए गए अभियान में 35 असम राइफल्स के जवानों ने तीन उग्रवादियों को पकड़ा।

Maoists

असम राइफल्स ने खुफिया सूचना के आधार पर चलाए गए उग्रवाद रोधी अभियान के तहत‚ प्रतिबंधित संगठन एनएससीएन–के (वाईए) के तीन कट्टर उग्रवादियों (Maoists) को नगालैंड के मोन कस्बे से गिरफ्तार किया है।

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असम राइफल्स के अधिकारियों ने बताया कि म्यांमार से भारत की सीमा में प्रवेश करने के बाद इन उग्रवादियों (Maoists) को पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि पकड़े गए तीनों उग्रवादी म्यांमार के निवासी हैं और वे हमला करने के मकसद से भारतीय सीमा में घुसे थे।

पकड़े गये उग्रवादियों (Maoists) की पहचान युनाह कोनयक‚ टोन्फो कोनयक उर्फ एटोन और सोनगम कोनयक के तौर पर हुई है। इन्हें स्थानीय पुलिस की मदद से सीमाई कस्बे में सोमवार को चलाए गए अभियान में 35 असम राइफल्स के जवानों ने पकड़ा। अधिकारियों के अनुसार, यूना म्यांमार के थेला गांव का रहने वाला है जबकि टोन्फो कामका गांव का है और सोंगम पड़ोसी देश के लंगखो इलाके का रहने वाला है।

पिछले साल अक्टूबर में‚ सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के साथ म्यांमार की महत्वपूर्ण यात्रा की थी‚ जिसके दौरान भारत ने म्यांमार की नौसेना को एक हमलावर पनड़ुब्बी की आपूर्ति करने के अलावा समग्र सैन्य और रक्षा संबंधों को और गहरा करने पर सहमति व्यक्त की थी।

गौरतलब है कि म्यांमार भारत के रणनीतिक पड़ोसियों में से एक है और उग्रवाद प्रभावित नगालैंड और मणिपुर सहित कुछ अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के साथ 1640 किलोमीटर लंबी सीमा शेयर करता है।

भारत पूर्वोत्तर क्षेत्र के कुछ उग्रवादी समूहों द्वारा म्यांमार में शरण लेने को लेकर चिंतित है। हालांकि म्यांमार भारत को आश्वासन देता रहा है कि वह किसी भी चरमपंथी समूह को भारत के खिलाफ अपनी जमीन का उपयोग करने की अनुमति नहीं देगा। वहीं दूसरी तरफ दशकों पुराने नागा मुद्दे को सुलझाने के लिए विभिन्न नागा उग्रवादी समूह मौजूदा समय में केंद्र सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं।

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