Jharkhand: 12 जवानों की हत्या का आरोपी कुख्यात नक्सली पुलिस के हत्थे चढ़ा

झारखंड (Jharkhand) के सारंडा के कुख्यात नक्सली वासिल अंथोनी उर्फ राजेंद्र नाग को 13 नवंबर की रात टेबो थाना के डारोम गांव से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 16 साल से पुलिस इस खूंखार नक्सली की तलाश कर रही थी।

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झारखंड (Jharkhand) के सारंडा के कुख्यात नक्सली वासिल अंथोनी उर्फ राजेंद्र नाग को 13 नवंबर की रात टेबो थाना के डारोम गांव से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

झारखंड (Jharkhand) के सारंडा के कुख्यात नक्सली वासिल अंथोनी उर्फ राजेंद्र नाग को 13 नवंबर की रात टेबो थाना के डारोम गांव से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 16 साल से पुलिस इस खूंखार नक्सली की तलाश कर रही थी। उसके पर सीआरपीएफ के 12 जवानों को लैंडमाइन लगा कर उड़ाने और सात करोड़ की लेवी के लिए सेल के चार अधिकारियों का अपहरण करने समेत कई आरोप हैं।

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गिरफ्तार नक्सली

झारखंड (Jharkhand) के किरीबुरु के एसडीपीओ डॉ. हीरालाल रवि की मॉनिटरिंग में किरीबुरु थाना प्रभारी संतोष गुप्ता और टेबो थाना प्रभारी बुधवा की टीम ने उसे गिरफ्तार किया। कादोडीह गांव का रहने वाला राजेंद्र झारखंड (Jharkhand) के सारंडा में नक्सलियों के जनक मोरा फ्रांसिस नाग उर्फ मोरा मुंडा का बेटा है। गिरफ्तार नक्सली ने पुलिस को बताया कि वह साल 2002 में अनमोल के संपर्क में आया।

पहले उसने संगठन में कुरियर ब्वॉय के रूप में कार्य शुरू किया था। उसने अनमोल, मंगरा बारला, आनंद मसीह टोपनो, जेवियर समेत कई नक्सलियों के साथ उक्त दोनों घटनाओं को अंजाम दिया। नक्सली राजेंद्र ने अप्रैल, 2003 में नक्सली नेता अनमोल के नेतृत्व में सेल की मेघाहातुबुरु खादान में चार अधिकारियों को अगवा किया था।

उसने सेल प्रबंधन से सात करोड़ लेवी और लाभ का तीस फीसदी हिस्सा हर साल लेवी के तौर पर देने की मांग रखी थी। इसके अलावा उसने साल 2006 में झारखंड (Jharkhand) में सीआरपीएफ के जवानों से भरे वाहन को कलैता गांव के पास लैंड माइन से उड़ा दिया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 12 जवान शहीद हुए थे।

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