
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कोई अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार कर दिया।
जस्टिस एनवी रमण, संजय किशन कौल, आर सुभाष रेड्डी, भूषण गवई और सूर्यकांत की बेंच ने कहा कि वह दस दिसंबर से इस मामले पर दलीलें सुनेगी। कोई अंतरिम आदेश जारी करने से इस मामले में देरी हो सकती है तथा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सभी पक्षों की बातें सुनने के बाद एक ही बार में सारे मुद्दों का हल कर देगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को भी उन दो नई याचिकाओं पर जवाब देने को कहा जिसमें अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किए जाने को लेकर मुद्दे उठाए गए हैं।
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हालांकि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अनुच्छेद 370 से संबंधित नई रिट याचिकाएं दायर करने पर पहले रोक लगा दी थी लेकिन अब कहा कि वह इन दो अर्जियों पर सुनवाई करेगा क्योंकि उनमें महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने संबंधित पक्षों से सभी दस्तावेजों का एक साझा संकलन तैयार करने को भी कहा ताकि मामले की सुनवाई आसान हो जाए। इन दो नई याचिकाओं के अलावा कई याचिका पहले से ही सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित हैं।
नेशनल कांफ्रेंस, सज्जाद लोन की अगुवाई वाली जम्मू कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस, सीपीआई नेता युसूफ तारिगामी समेत कई राजनीतिक दलों और नौकरशाहों ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र सरकार के पांच अगस्त के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट अगले महीने की 10 तारीख से इस मामले में सुनवाई शुरू करेगी। तब तक सरकार के फैसले के खिलाफ किसी भी तरह के अंतरिम आदेश देने से कोर्ट ने मना कर दिया है।
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