झारखंड: नक्सलियों के गढ़ में रहते हुए एक बेटी ने पेश की मिसाल, 400 मीटर की रेस में जीता बड़ा प्राइज

राज्य स्तर पर हुई 400 मीटर की रेस में सीमंती कुमारी को सेकण्ड प्राइज मिला और प्राइज के तौर पर 54000 रुपए का चेक मिला।

Seemanti

Seemanti: पांकी को जेजेएमपी और तमाम नक्सलियों (Naxalites) का गढ़ कहा जाता है। फिर भी सीमंती कई जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी मेडल जीत चुकी है।

पलामू: एक कहावत है कि अगर सच्ची लगन और मेहनत के साथ काम किया जाए तो मुश्किलें भी रास्ता नहीं रोक सकतीं। ऐसा ही हुआ है झारखंड में नक्सलियों (Naxalites) के गढ़ कहे जाने वाले पांकी के इरगू गांव में, जहां की एक लड़की पूरे राज्य में नाम रोशन कर रही है।

राज्य स्तर पर हुई 400 मीटर की रेस में सीमंती (Seemanti) कुमारी को सेकण्ड प्राइज मिला और प्राइज के तौर पर 54000 रुपए का चेक मिला। एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र से आने वाली लड़की के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि है।

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बता दें कि पांकी को जेजेएमपी और तमाम नक्सलियों (Naxalites) का गढ़ कहा जाता है। फिर भी सीमंती कई जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी मेडल जीत चुकी है।

सीमंती बताती हैं कि उन्हें दौड़ने का हुनर प्रकृति ने दिया है। पिता सीताराम उरांव की इकोनॉमिक कंडीशन खराब है, फिर भी उन्होंने अपनी बेटी की प्रतिभा को हमेशा प्रोत्साहन दिया। सीताराम का मानना है कि अगर उनकी बेटी को ट्रेनिंग मिले तो वो राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर काम कर सकती है। हालांकि इस समय सीमंती, हजारीबाग में ट्रेनिंग ले रही हैं।

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