Jharkhand: 25 लाख के इनामी अजय महतो सहित 21 नक्सलियों के खिलाफ चलेगा UAPA के तहत मुकदमा, जानें क्या है पूरा मामला

झारखंड (Jharkhand) का गिरिडीह जिला, जिसके लगभग सभी प्रखंड नक्सल प्रभावित हैं। इसके साथ ही झारखंड-बिहार के सीमांचल क्षेत्र, जिसमें गांवा, भेलवाघाटी, तिसरी, बिरनी आदि इलाके भी शामिल हैं, जहां नक्सलियों (Naxals) की सक्रियता है।

Naxals

सांकेतिक तस्वीर।

नक्सलियों (Naxals) पर लगाम कसने के लिए गिरीडीह उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने 25 लाख के इनामी अजय महतो सहित 21 नक्सलियों के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुशंसा की है।

झारखंड (Jharkhand) का गिरिडीह जिला, जिसके लगभग सभी प्रखंड नक्सल प्रभावित हैं। खासकर पारसनाथ जोन, जो गिरिडीह और धनबाद जिले से लगा हुआ है। इसके साथ ही झारखंड-बिहार के सीमांचल क्षेत्र, जिसमें गांवा, भेलवाघाटी, तिसरी, बिरनी आदि इलाके भी शामिल हैं, जहां नक्सलियों (Naxals) की सक्रियता है।

इन इलाकों में नक्सली (Naxals) आए दिन अपनी कायराना हरकतों को अंजाम देते रहते हैं। इन इलाकों में नक्सली सरकार और प्रशासन के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। लेकिन अब इनके दिन लदने वाले हैं।

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नक्सलियों (Naxalites) पर लगाम कसने के लिए गिरीडीह उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने 25 लाख के इनामी अजय महतो सहित 21 नक्सलियों के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुशंसा की है। इन सभी के खिलाफ UAPA एक्ट के तहत अभियोजन चलाया जाएगा। इसे लेकर सरकार के मुख्य अपर सचिव को गिरिडीह के उपायुक्त ने पत्र लिखकर आदेश मांगा है।

इनके खिलाफ लिया जाएगा एक्शन

बता दें कि इनमें 25 लाख के इनामी भाकपा माओवादी के स्पेशल एरिया कमिटी सदस्य अजय महतो उर्फ टाइगर, 10 लाख के इनामी रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा और जेल में बंद नवीन मांझी उर्फ भुवन जी के नाम शामिल हैं।

इन तीनों के अलावा मिथिलेश मंडल, महिला नक्सली दूला देवी उर्फ बसंती, चुटका मरांडी, सनातन टूडू, जीतन मरांडी, लखीराम संतोष मांझी, बबलू किस्कु, रामी राय सुरेश उर्फ गिलुवा, कल्लू मरांडी, मनोज राय, मुरारी उर्फ गिरधारी महतो, रणवीर उर्फ नागों दा, नवी मियां, फ्रांसीसी उर्फ फ्रांसिस मुर्मू , मोरिंग सोरेन और सुदामा सोरेन के खिलाफ UAPA एक्ट के तहत मामला चलाया जाएगा।

बता दें कि आज से 12 साल पहले बरामद हुए नक्सली बंकर के मामले में इन नक्सलियों (Naxals) के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। गिरिडीह उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने इस मामले में नक्सलियों के खिलाफ मिले सबूतों के आधार पर अभियोजन चलाने की अनुशंसा कर दी है।

क्या है पूरा मामला

यह मामला साल 2008 का है, जब डुमरी पुलिस ने डुमरी के उत्तरी क्षेत्र के एरिया कमिटी भाकपा माओवादी के दस्ते के सदस्य लखीराम सोरेन को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस की पूछताछ में उसने कई राज उगले थे। लखीराम सोरेन ने बताया था कि वह संगठन का सक्रिय सदस्य है और नक्सली दस्ते के साथ रहकर नक्सली वारदातों को अंजाम देता था।

इसके बाद पुलिस ने एलआरपी के दौरान एक अन्य नक्सली (Naxali) को गिरफ्तार किया था। जिसका नाम रामजीत हेंब्रम उर्फ संझला था। गिरफ्तारी के बाद उसने भी पुलिस के सामने कई राज उगले थे। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने बनासो स्थित चडरी पहाड़ी पर एक नक्सली बंकर को ढूढ़ निकाला था।

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पुलिस ने इस बंकर से बम बनाने का सामान, स्टील केन, भारी मात्रा में गोली, डेटोनेटर, नक्सली साहित्य सहित अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किया था। इस मामले को लेकर पीरटांड़ थाना में मामला दर्ज किया गया था।

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