मारे गए इनामी नक्सलियों (Naxalites) ने अपने-अपने क्षेत्रों में पुलिस के लिए काफी चुनौतियां पैदा कर दी थीं। लेकिन इन दोनों इनामी नक्सलियों का सफाया पुलिस ने बहुत ही जबरदस्त तरीके से किया।
रांची: झारखंड में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। इसी का नतीजा है कि झारखंड पुलिस ने बीते एक हफ्ते में 2 इनामी नक्सलियों को मार गिराया है।
इसी सफलता को ध्यान में रखते हुए झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा ने ऑपरेशन में शामिल जवानों और पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया है।
मारे गए इनामी नक्सलियों (Naxalites) ने अपने-अपने क्षेत्रों में पुलिस के लिए काफी चुनौतियां पैदा कर दी थीं। लेकिन इन दोनों इनामी नक्सलियों का सफाया पुलिस ने बहुत ही जबरदस्त तरीके से किया।
हालांकि इन नक्सलियों को घेरने के लिए पुलिस ने लगभग 15 दिनों से तैयारियां शुरू कर दी थीं और क्षेत्र के मुखबिरों से लगातार सटीक जानकारियां मिलने के बाद नक्सलियों के खिलाफ पुलिस ने ऑपरेशन द एंड ऑफ नक्सलिज्म चलाया। जिसके बाद दोनों इनामी नक्सली मारे गए।
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झारखंड के डीजीपी ने प्रेस वार्ता में कहा कि हमारे जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में अपना हौसला बनाए रखा और लगातार लक्ष्य का पीछा किया, इसलिए हमें बड़ी सफलता मिली।
उन्होंने नक्सलियों से दोबारा अपील करते हुए कहा कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति नई दिशा का लाभ लेते हुए नक्सली पथ को छोड़ मुख्य धारा की ओर लौट आओ, नहीं तो अंजाम बुद्धेश्वर और शनिचर सुरीन जैसा ही होगा।
बता दें कि 15 जुलाई को झारखंड के गुमला जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र कुरूमगढ़ के जंगली क्षेत्रों में क्षेत्र भाकपा माओवादी का रीजनल कमांडर और 15 लाख का इनामी नक्सली बुद्धेश्वर उरांव मारा गया था।
वहीं 16 जुलाई को झारखंड पुलिस को एक और बड़े नक्सली को मार गिराने में सफलता मिली। ये 10 लाख का इनामी और PLFI का नक्सली शनिचर सुरीन था।
शनिचर सुरीन पीएलएफआई का जोनल कमांडर था। पुलिस ने इसके पास से 2 पिस्टल और आपत्तिजनक सामान बरामद किया था।
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