15 जिलों में 133 घटनाएं और 22 हत्याएं, जानिए साल 2019 में झारखंड में कैसे बरपा ‘लाल आतंक’

झारखंड में नक्सलवाद अब भी चुनौती बना हुआ है। 2019 में प्रतिबंधित नक्सली (Naxal) संगठनों ने झारखंड के 15 जिलों में 133 वारदातों को अंजाम दिया है। वहीं, दूसरी ओर नौ जिलों में एक भी नक्सली वारदात की बात सामने नहीं आई है।

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झारखंड में नक्सलवाद अब भी चुनौती बना हुआ है। 2019 में प्रतिबंधित नक्सली (Naxal) संगठनों ने झारखंड के 15 जिलों में 133 वारदातों को अंजाम दिया है।

झारखंड में नक्सलवाद अब भी चुनौती बना हुआ है। 2019 में प्रतिबंधित नक्सली (Naxal) संगठनों ने झारखंड के 15 जिलों में 133 वारदातों को अंजाम दिया है। वहीं, दूसरी ओर नौ जिलों में एक भी नक्सली वारदात की बात सामने नहीं आई है। भाकपा माओवादी ने सबसे अधिक 67 नक्सली वारदातों को अंजाम दिया है। वहीं, टीएसपीसी का 27, पीएलएफआइ का 22, जेजेएमपी का 13, जेपीसी का 2 और एसजेएमएम का भी दो घटनाओं में हाथ होने की खबर सामने आई है।

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सांकेतिक तस्वीर।

राज्य में प्रतिबंधित नक्सली (Naxal) संगठनों के प्रभाव की बात करें तो भाकपा माओवादी का 14 जिलों रांची, खूंटी, गुमला, लोहरदगा, पलामू, गढ़वा, लातेहार, हजारीबाग, चतरा, गिरिडीह, चाईबासा, सरायकेला, बोकारो और दुमका में प्रभाव है। इसी तरह तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमिटी (टीएसपीसी) का प्रभान चार जिलों पलामू, हजारीबाग, रामगढ़, चतरा में अधिक है। वहीं, पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) ने 9 जिलों रांची, खूंटी, गुमला, लोहरदगा, पलामू, हजारीबाग, रामगढ़, चतरा और चाईबासा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।

झारखंड प्रस्तुति कमेटी (जेपीसी) दो जिलों हजारीबाग और चतरा में एक-एक नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है। झारखंड संघर्ष जनमुक्ति मोर्चा (एसजेएमएम) ने एक जिले लातेहार में दो घटनाओं को अंजाम दिया है। जबकि झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) ने सात जिलों रांची, पलामू, गढ़वा, लातेहार, हजारीबाग, चतरा और बोकारो में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।

इन जिलों में हुईं सबसे अधिक नक्सली वारदातें

चतरा में सबसे अधिक 30 नक्सली (Naxal) घटनाएं हुई हैं। चाईबासा में 23, लातेहार और गुमला में 12-12 और पलामू में 11 नक्सली घटनाओं के अंजाम दिया गया है। जबकि रांची और लोहरदगा में सात-सात, खूंटी में छह और सरायकेला में पांच नक्सली घटनाएं सामने आई हैं। वहीं, नौ जिलों धनबाद, जामताड़ा, जमशेदपुर, सिमडेगा, कोडरमा, देवघर, गोड्डा, पाकुड़ और साहेबगंज जिले में एक भी नक्सली (Naxal) वारदात की बात सामने नहीं आई हैं।

2019 में नक्सलियों ने की 22 लोगों की हत्या

2019 में नक्सली संगठनों ने राज्य के अलग-अलग जिलों में 22 लोगों की हत्या की है। इसी तरह नक्सलियों ने आगजनी की 26, अपहरण की दो, विस्फोट की 13, पुलिस पर हमला की चार, हत्या के प्रयास की 11, सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की 39, आपसी प्रतिद्वंदिता की एक औ असॉल्ट (हमला) की 12 घटनाओं को अंजाम दिया है। साथ ही 2019 में नक्सलियों की पुलिस के साथ मुठभेड़ की 36 वारदातें सामने आई हैं।

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