Indian Navy को मिलेगा SMASH-2000 Plus, उड़ते ड्रोन्स को हवा में ही कर सकता है ढेर

बीते दिनों आधुनिक तकनीकि से लैस कई मिसाइलों का परीक्षण किया गया। साथ ही देश एडवांस टेक्नोलॉजी के हथियारों का आयात भी कर रहा है। इसी कड़ी में भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने दुश्मन के छोटे ड्रोन से निपटने के लिए इस्राइल को ‘स्मैश-2000 प्लस’ (SMASH-2000 Plus) का ऑर्डर दिया है।

SMASH-2000 Plus

हथियारों पर लगाने के बाद ‘स्मैश-2000 प्लस’ (SMASH-2000 Plus) की मदद से दिन या रात के समय में किसी भी छोटे ड्रोन को हवा में मार गिराया जा सकता है।

भारत लगातार अपनी सैन्य ताकतों को बढ़ाने पर जोर दे रहा। बीते दिनों आधुनिक तकनीकि से लैस कई मिसाइलों का परीक्षण किया गया। साथ ही देश एडवांस टेक्नोलॉजी के हथियारों का आयात भी कर रहा है। इसी कड़ी में भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने दुश्मन के छोटे ड्रोन से निपटने के लिए इस्राइल को ‘स्मैश-2000 प्लस’ (SMASH-2000 Plus) का ऑर्डर दिया है।

हथियारों पर लगाने के बाद ‘स्मैश-2000 प्लस’ (SMASH-2000 Plus) की मदद से दिन या रात के समय में किसी भी छोटे ड्रोन को हवा में मार गिराया जा सकता है। नौसेना के मुताबिक, स्मैश की मदद से दुश्मन देश के ड्रोन हमले और उससे जुड़ी जानकारी जुटाने में भी मदद मिलेगी। इस सिस्टम की पहली डिलीवरी अगले साल तक होने की संभावना है।

बीते 48 साल से सैनिक पति की बाट जोह रही पत्नी, पाकिस्तान है कि मानता नहीं

सूत्रों के अनुसार, एक स्मैश सिस्टम (SMASH-2000 Plus) की कीमत 10 लाख रुपये होगी। इसे राइफल्स के ऊपर लगाया जा सकता है और इसकी मदद से छोटे और तेज गति से मूवमेंट करने वाले ड्रोन्स को हवा में ही ढेर किया जा सकता है। यह एंटी-ड्रोन हथियार कंप्यूटराइज्ड फायर कंट्रोल और इलेक्ट्रो-ऑप्टिक साइट प्रणाली से लैस है। इसे बंदूक और राइफल के ऊपर फिट किया जा सकता है। इसकी मदद से दुश्मन ड्रोन्स को 120 मीटर की दूरी से मार गिराया जा सकता है। 

हाल के दिनों में सेना के लिए छोटे ड्रोन बड़े खतरे के रूप में सामने आए हैं। गौरतलब है कि हाल के दिनों में पाकिस्तान से लगी सीमा पर कई ड्रोन उड़ते हुए नजर आए थे। बता दें कि जब एक साथ कई छोटे ड्रोन्स सीमा की तरफ बढ़ रहे हों, तो स्थिति ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है। क्योंकि झुंड में भेजे गए ड्रोन्स अपने दुश्मन के एयर डिफेंस को पूरी तरह से तहस-नहस कर सकते हैं।  

ये भी देखें-

इसके अलावा, द्विपक्षीय रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (डीटीटीआई) के तहत ‘काउंटर-यूएएस रॉकेट, आर्टिलरी और मोर्टार सिस्टम’ नामक ड्रोन विरोधी तकनीक को भी तैयार करने में जुटा हुआ है। इसके साथ ही भारत, अमेरिका के साथ हवाई-लॉन्च वाले छोटे एरियल सिस्टम या ड्रोन स्वार्म विकसित करने के लिए भी तैयारी कर रहा है।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें