
आईएनएस सुमित्रा देश के तटीय क्षेत्रों पर नजर रखने के लिए सबसे बड़ा निगरानी पोत है।
INS सुमित्रा जब 4 सिंतबर 2014 को भारतीय नौसेना में शामिल हुआ तब यह साफ हो गया कि समुद्र में अब देश के दुश्मनों की खैर नहीं। आईएनएस सुमित्रा देश के तटीय क्षेत्रों पर नजर रखने के लिए सबसे बड़ा निगरानी पोत है। खास बात यह भी है कि यह पोत स्वदेशी है यानी इसका निर्माण देश में ही हुआ है। अपनी श्रेणी के इस चौथे तोप का निर्माण सरकारी कंपनी गोवा शिपयार्ड में हुआ है।
यह है खासियत:
– INS सुमित्रा का वजन 2200 टन है। इस पोत की गति 26 किलोनॉट है।
– यह मध्यम और शॉर्ट रेंज के आधुनिक हथियारों से लैस है।
– इसमें 76 एमएम गन, क्लॉज-इन वेपन सिस्टम और कम्यूनिकेशन इंटेलिजेंसी सिस्टम शामिल है।
– इसकी लंबाई 344 फीट यानी 105 मीटर है।
– बीम 13 मीटर 43 फीट है।
– खास बात यह भी है कि यह लाइट वेट वाले हेलिकॉप्टर ध्रुव को भी ऑपरेट कर सकता है।
-इस पर 8 अफसरों सहित 108 सोल्जर्स क्रू हैं।
इन क्षेत्रों की कर रहा निगरानी:
– INS सुमित्रा बंगाल की खाड़ी की चुनौतियों पर नजर रखता है।
– पूर्वी हिंद महासागर क्षेत्र में भी इसके जरिए निगेहबानी की जाती है।
– इसे तटीय और अपतटीय गश्त, समुद्र सीमा निगरानी और संचार एवं अपतटीय संपत्तियों की निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
वैसे तो INS सुमित्रा का निर्माण साल 2010 में किया गया था। लेकिन साल 2014 में इसे नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया था। 30 मार्च, 2015 को आईएनएस सुमित्रा के जरिए यमन में फंसे 350 नागरिकों को सुरक्षित बचाया गया था। इस अभियान को ‘ऑपरेशन राहत’ नाम दिया गया था। देश का यह युद्धपोत कई विदेशी दौरे भी कर चुका है। यहां बता दें कि भारत की नौसेना में इस तरह के तीन युद्धपोत शामिल हैं, जिनके नाम आईएनएस सरयू, आईएनएस सुनयना और आईएनएस सुमेधा हैं।
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