
Soldiers
चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में पिछले छह महीने से भी अधिक समय से चले आ रहे सैन्य गतिरोध के लंबा खिंचने के आसार को देखते हुए सेना (Indian Army) ने हाड-मांस जमा देने वाले बर्फीले दुर्गम क्षेत्रों में तैनात सैनिकों (Soldiers) के रहने के लिए सभी जरूरी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस विशेष शेल्टर और स्मार्ट टेंट बनाए हैं।
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इन शेल्टरों में सर्दियों की विषम और दुरूह परिस्थितियों को देखते हुए बिजली‚ पानी‚ विशेष तरह के हीटरों‚ स्वास्थ्य जरूरतों और साफ–सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। अग्रिम मोर्चों पर तैनात सैनिकों (Soldiers) के लिए विशेष तरह के गर्म टेंटों का इंतजाम किया गया है।
#WATCH Eastern Ladakh: In order to ensure operational efficiency of troops deployed in winters, Indian Army has completed establishment of habitat facilities for all troops deployed in the sector. pic.twitter.com/H6Sm5VG541
— ANI (@ANI) November 18, 2020
सैन्य सूत्रों के मुताबिक लद्दाख के अत्यधिक ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में नवम्बर के बाद 40 फुट तक बर्फ गिरती है। बर्फीली हवाओं के चलने से वहां तापमान शून्य से 30-40 डिग्री तक कम हो जाता है। कई बार बर्फबारी के कारण रास्ते भी बंद हो जाते हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए सेना ने वहां तैनात सैनिकों (Soldiers) के लिए विशेष तैयारी की है और उनके वहां रहने के चाक-चौबंद इंतजाम के साथ-साथ उनके लिए सभी सुविधा उपलब्ध करायी है। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए भी पर्याप्त सिविल ढांचागत सुविधाओं की पहचान कर ली गयी है जो जरूरत पड़ने पर तुरंत काम आ सकती हैं।
भारत और चीन के सैन्य कमांडरों की आठ दौर की बातचीत के बाद भी गतिरोध समाप्त होने के ठोस संकेत नहीं मिले हैं जिससे गतिरोध के लंबा खिंचने के आसार हैं। इसे देखते हुए सेना ने सर्दियों में सैनिकों (Soldiers) को पेश आने वाली तमाम दिक्कतों को ध्यान में रखकर सभी जरूरी कदम उठाए हैं। दशकों बाद यह पहला मौका है जब दोनों सेनाओं ने इस क्षेत्र में अपना जमावड़ा इस हद तक बढाया है। दोनों सेनाओं के करीब पचास हजार से भी अधिक सैनिक इन इलाकों में तैनात हैं। इसके अलावा दोनों ने सभी तरह के सैन्य साजो सामान‚ वाहन और हथियारों का भी जमावड़ा किया हुआ है।
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