फाइल फोटो
भारत ने चीन के साथ 14वें दौर की सैन्य बातचीत के दौरान, पूर्वी लद्दाख में टकराव के बाकी बचे हिस्से से चीनी सैनिकों (PLA Troops) की तत्काल वापसी पर जोर दिया। दोनों देशों के बीच ये सैन्य बातचीत चीन के हिस्से वाले चुशुल-मोल्दो बॉर्डर प्वाइंट पर हुई है।
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सैन्य सूत्रों के अनुसार, इस बातचीत में मुख्य रूप से हॉट स्प्रिंग्स में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। ये बातचीत सुबह साढ़े नौ बजे शुरू हुई और शाम तक चली। बातचीत में भारतीय टीम का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर का नये कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्या सेनगुप्ता ने किया है। वहीं चीनी सैनिकों (PLA Troops) का नेतृत्व दक्षिण शिंजियांग सैन्य जिले के चीफ मेजर जनरल यांग लिन ने किया।
इस बातचीत के दौरान भारतीय टीम ने ‘देपसांग बल्ज’ और डेमचोक में मुद्दों को हल करने समेत टकराव वाले बाकी स्थानों पर जल्द से जल्द सेना हटाने पर जोर दिया।
गौरतलब है कि 13वें दौर की बातचीत 10 अक्टूबर 2021 को हुई थी। यह बातचीत गतिरोध के साथ समाप्त हुई थी। दोनों दल इस बातचीत में कोई प्रगति हासिल करने में विफल रहे थे।
भारतीय सेना ने इस बातचीत के बाद कहा था कि उनकी ओर से दिये गए रचनात्मक सुझाव पर चीनी पक्ष सहमत नहीं हुआ और न ही वह कोई आगे की दिशा में बढने वाला कोई प्रस्ताव पेश कर सका।
गौरतलब है कि नये दौर की यह बातचीत ऐसे समय हुई जब पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील इलाकों में चीनी सेना (PLA Troops) के पुल बनाने पर भारत ने कहा था कि यह इलाका पिछले 60 वर्षो से चीन के अवैध कब्जे में है।
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