भारत चीन सीमा विवाद: समझौते की शर्तों पर अमल नहीं कर रहा धूर्त चीन, पैंगोंग और डेप्संग में अभी भी चीनी सेना का दबदबा

30 जून को हुई कोर कमांडर की बैठक की सहमति के आधार पर गलवान हॉट हॉट स्प्रिंग और गोधरा पोस्ट से चीनी सेना (PLA Troops) पीछे हट गई है लेकिन अब केवल दो बिंदुओं पर गतिरोध बना हुआ है।

PLA Troops

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भारतीय और चीनी सेना (PLA Troops) पीएलए के बीच हुई कोर कमांडर की 15 घंटों की मैराथन बैठक के बाद नतीजा संतोषजनक नहीं रहा। चीनी सेना (PLA Troops) पैंगोंग त्सो लेक के फिंगर-4 को खाली कर फिंगर-5 में जम गई है। भारतीय सेना (Indian Army) ने उन्हें फिंगर-8 तक लौटने को कहा है लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं है। इसी तरह से डेप्संग में भी चीनी सेना (PLA Troops) समझौते के मुताबिक पीछे हटने को तैयार नहीं इसीलिए भारतीय सेना (Indian Army) के दो दिन बाद आए एक बयान में आशंका के सुर उभरे हैं। भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर की 14 जुलाई को हुई बैठक 15 घंटे लंबी चली। इस बैठक के बाद दिल्ली में थल सेना अध्यक्ष ने समीक्षा बैठक की।

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सेना की समीक्षा बैठक के बाद सेना की तरफ से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया। भारतीय सेना (Indian Army) ने संकेत दिए हैं कि चीन ने समझौते के मुताबिक पूरी तरह से अपनी सेनाओं को पीछे नहीं किया है और जहां उसने खाली किया है, वहां वह दोबारा आ सकती है। सेना सूत्रों का कहना है कि चीनी सेना (PLA Troops) पैंगोंग लेक के उत्तरी छोर में फिंगर-4 से हटकर फिंगर-5 पर पहुंच गई है। भारतीय सेना (Indian Army) का कहना है कि चीन को फिंगर 8 तक लौटना होगा। हाल ही में चीन पहले फिंगर-12 में जमा हुआ था और फिंगर-8 तक भारत और चीन की सेनाएं पेट्रोलिंग करती थीं। लेकिन चीन ने फिंगर-4 तक ऑल वेदर रोड बना दी है। गत 30 जून को हुई कोर कमांडर की बैठक में भारत ने फिंगर-4 को भी छोड़ने की मांग की थी। उसके अनुसार चीन ने फिंगर-4 छोड़ दिया है लेकिन वह रिज एरिया में सिंगर-5 में जा खड़ा हुआ। भारत भी इसी बात पर अड़ा हुआ है कि उसे फिगर-8 तक लौटना होगा।

भारतीय सेना (Indian Army) पहले ही फिंगर-2 और 3 के बीच आ गई है। इसी तरह से डेप्संग में भी पेट्रोलिंग प्वाइंट 10,11 और 12 में चीन की सेना का जमावड़ा कम तो हुआ है लेकिन वह पहले की स्थिति में नहीं गई है। इन दोनों बिंदुओं पर गतिरोध बरकरार है और जब तक पूर्ण डिस-एंगेजमेंट नहीं हो जाता तब तक बातचीत का दौर जारी रहेगा।

गौरतलब है कि 30 जून को हुई कोर कमांडर की बैठक की सहमति के आधार पर गलवान हॉट हॉट स्प्रिंग और गोधरा पोस्ट से चीनी सेना (PLA Troops) पीछे हट गई है लेकिन अब केवल दो बिंदुओं पर गतिरोध बना हुआ है। दोनों सेनाओं ने उम्मीद जताई कि इन बिंदुओं पर भी सहमति बन जाएगी और कंप्लीट डिस-इंगेजमेंट और डी-एस्केलेशन हो जाएगा।

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