भारतीय वायुसेना अब युद्ध के लिए इस्तेमाल करेगी AI तकनीक, तेजी से हो रहा है काम: एयर चीफ मार्शल

एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने बताया कि हमारे पूरे इन्वेंट्री प्रबंधन को कम्प्यूटरीकृत व डिजिटाइज किया गया है और हमने पहले से ही एआई आधारित फॉर्मूलेशन पर काम करना शुरू कर दिया है।

Artificial intelligence

भारतीय वायु सेना (Indian Airforce) प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरके भदौरिया के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस असिस्टेड (Artificial Intelligence) अगली पीढी की तकनीकों को भारतीय वायु सेना के कैप्टिव नेटवर्क में खतरे की निगरानी के लिए तैनात किया जाएगा‚ जिसमें मौजूदा नेटवर्क अपग्रेड शामिल होंगे।

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फिक्की द्वारा आयोजित एयर वारियर्स के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) विषय पर आयोजित एक ई–संगोष्ठी के दौरान एयरचीफ मार्शल भदौरिया ने अपनी ये राय रखी। उनके मुताबिक, “यदि हम कॉम्बैट एविएशन में एआई का उपयोग करने का इरादा रखते हैं‚ तो हमें कुछ पारंपरिक सिद्धांतों को फिर से परिभाषित करने या त्यागने की आवश्यकता हो सकती है। ये सिद्धांत सख्त या आदर्श नहीं हैं। अलग–अलग खतरों वाले कई देशों की अलग–अलग जरूरतें होती हैं और यह विभिन्न समय और अनुभवों के कारण ही विकसित होता है।”

फिक्की कार्यक्रम के दौरान भदौरिया ने बताया कि एआई आपको साबित करने के लिए त्रुटिहीन तर्क के साथ मॉडल दे सकता है कि प्रस्तावित समाधान सबसे अच्छा है। हवाई युद्ध में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि एयरोस्पेस डोमेन में जिस तरह से वायु युद्ध लड़े जाते हैं‚ उसमें ये भारी बदलाव ला सकते हैं।

वायु सेना (Indian Airforce) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence)  के उपयोग पर बात करते हुए एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने बताया कि हमारे पूरे इन्वेंट्री प्रबंधन को कम्प्यूटरीकृत व डिजिटाइज किया गया है और हमने पहले से ही एआई आधारित फॉर्मूलेशन पर काम करना शुरू कर दिया है। उनके अनुसार, वायु सेना ने कुछ परियोजनाओं पर एआई और एआई–आधारित एप्लिकेशन का ट्रायल शुरू कर दिया है‚ जो अलग–अलग चरणों में है। ऐसे में वायु सेना ने ट्रायल के इस चेन में समय सीमा घटाकर अपनी परिचालन प्रभावकारिता को पहले ही बेहतर कर लिया है।

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