कुन्नूर हेलीकॉप्टर हादसे में घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का इलाज के दौरान निधन, देवरिया के पैतृक गांव में शोक की लहर

आईएएफ को यह बताते हुए बेहद दुख हो रहा है कि बहादुर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh), जो आठ दिसंबर 2021 को हुए हेलीकॉप्टर हादसे में घायल हो गए थे।

Group Captain Varun Singh

तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हुए हेलीकॉप्टर हादसे में गंभीर रूप से घायल वायु सेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) का बुधवार सुबह बेंगलुरू के सैन्य अस्पताल में निधन हो गया। भारतीय वायु सेना ने कहा कि ‘‘बहादुर’’ ग्रुप कैप्टन ने बुधवार सुबह दम तोड़ दिया।

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वायु सेना ने ट्वीट किया, ‘‘आईएएफ को यह बताते हुए बेहद दुख हो रहा है कि बहादुर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh), जो आठ दिसंबर 2021 को हुए हेलीकॉप्टर हादसे में घायल हो गए थे… उनका निधन हो गया। भारतीय वायुसेना गहरी संवेदना व्यक्त करती है और शोक संतप्त परिवार के साथ दृढ़ता से खड़ी है।’’ 

गौरतलब है कि इस हादसे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य कर्मियों की जान चली गई थी।

पिछले साल एक बड़ी तकनीकी खामी की चपेट में आए लड़ाकू विमान तेजस को संभावित दुर्घटना से सफलतापूर्वक बचा लेने के उत्कृष्ट कार्य के चलते ग्रुप कैप्टन सिंह को अगस्त महीने में शौर्य चक्र से नवाजा गया था।

वहीं जिंदगी की जंग हारने के बाद देशवासियों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में स्थित सिंह के पैतृक गांव कन्हौली के लोग भी उनके स्वस्थ होने की दुआ कर रहे थे, मगर दोपहर करीब एक बजे उनकी मृत्यु की सूचना मिलने पर पूरा गांव शोक में डूब गया।

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) के पिता कर्नल के. पी. सिंह और उनके चाचा पूर्व कांग्रेस विधायक अखिलेश प्रताप सिंह समेत तमाम परिजन पहले से ही बेंगलुरु में हैं।

गांव में वरुण सिंह के घर की देखरेख करने वाले चंदन गोंड ने बताया कि सिंह पांच महीने पहले कन्हौली गांव आए थे और वह उन्हें फसल दिखाने के लिए खेतों में ले गए थे। मगर अब उनकी सिर्फ यादें ही रह गई हैं।

सिंह के गांव के रहने वाले राम प्रताप सिंह ने कहा कि वह ग्रुप कैप्टन को कभी नहीं भूल पाएंगे क्योंकि वह बुलंदियां पाने के बावजूद जमीन से जुड़े इंसान थे और वह उनसे दोस्त की तरह बात करते थे। सिकंदर कुशवाहा नामक एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि सिंह हमेशा उन्हें सिखाते थे कि जीवन में देश सर्वोपरि है।

साभार: भाषा

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