Budget 2021: मोदी सरकार का 9वां बजट आज, सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को गति मिलने के आसार

Budget 2021: वित्त वर्ष 2021-22 के ऐतिहासिक बजट (Budget 2021) में सरकार के समक्ष अर्थव्यवस्था को तात्कालिक प्रोत्साहन देने के साथ ही लंबे भविष्य के लिए मजबूती प्रदान करने की चुनौती होगी

Budget 2021

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Budget 2021: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आज केंद्रीय बजट (Budget 2021) पेश करेंगी, जिसमें महामारी से पीड़ित आम आदमी को राहत मिलने की संभावना है। इसके अलावा किसानों को भी बजट में तोहफा मिल सकता है। इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे,  रक्षा पर अधिक खर्च की व्यवस्था हो सकती है। अधिक खर्च के माध्यम से आर्थिक सुधार को आगे बढ़ाने पर अधिक ध्यान दिए जाने की भी उम्मीद की जा रही है।

यह मोदी सरकार का नौवां बजट है। यह बजट (Budget 2021) ऐसे समय में पेश हो रहा है, जब देश कोविड-19 संकट से बाहर निकल रहा है। ऐसे में कोरोना से पार पाने के लिए भारत को वैक्सीन तो मिल गई है लेकिन क्या आर्थिक संकट से पार पाने के लिए भी कोई वैक्सीन मिलेगी?

इस बार के बजट (Budget 2021) में व्यापक रूप से रोजगार सृजन और ग्रामीण विकास पर खर्च को बढ़ाने, विकास योजनाओं के लिए उदार आवंटन, औसत टैक्सपेयर्स के हाथों में अधिक पैसा डालने और विदेशी टैक्स को आकर्षित करने के लिए नियमों को आसान किए जाने की उम्मीद की जा रही है।

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सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 2019 में अपने पहले बजट (Budget 2021) में चमड़े के पारंपरिक ब्रीफकेस को बदल दिया था और लाल कपड़े में लिपटे बही-खाते के रूप में बजट दस्तावेजों को पेश किया था। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष का बजट इस तरीके का होगा, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया।

विशेषज्ञ चाहते हैं कि यह बजट (Budget 2021) कुछ इस तरीके का हो, जो भविष्य की राह दिखाए और दुनिया में सबसे तेजी से वृद्धि करती प्रमुख अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाए। सोच-समझकर तैयार किया गया बजट भरोसा बहाल करने में लंबी दौड़ का घोड़ा साबित होता है। इसे सितंबर 2019 में पेश मिनी बजट या 2020 में किस्तों में की गयी सुधार संबंधी घोषणाओं से स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है।

वित्त वर्ष 2021-22 के ऐतिहासिक बजट (Budget 2021) में सरकार के समक्ष अर्थव्यवस्था को तात्कालिक प्रोत्साहन देने के साथ ही लंबे भविष्य के लिए मजबूती प्रदान करने की चुनौती होगी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन दोनों की बीच कितना संतुलन बना पाती हैं, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

सरकार का कहना है कि महामारी का सबसे बुरा दौर समाप्त हो चुका है और अर्थव्यवस्था अब पटरी पर आ रही है। संसद में पिछले सप्ताह पेश आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 7.7 फीसदी की गिरावट रहेगी जबकि अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था तेजी से वापसी करेगी और जीडीपी में 11 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है। यदि ऐसा होता है तब भी दो साल में जीडीपी में महज 2.4 फीसदी की वृद्धि होगी। क्योंकि मोदी सरकार साहसी फैसलों के लिए जानी जाती है। पिछले तीन महीने में इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़ने के बावजूद  मौजूदा वित्त वर्ष राजस्व कलेक्शन में गिरावट तय है।

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