Indian Railways is set to hit the tracks with 1st 'Post COVID Coach' to ensure a coronavirus free journey.
Coronavirus Updates: कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों का कोरोना काल के बाद रेलसफर कैसा होगा और कैसी होगी रेल कोच में सुविधाएंॽ इसको ध्यान में रखकर रेलवे ने विशेष कोच का निर्माण किया है‚ जिसमें कई सुविधाएं हैंड फ्री हैं। साथ ही कोच में ऐसी कई सामग्रियों का प्रयोग किया गया है‚ जिससे कोरोना फैलने की आशंका कम होगी।
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रेल मंत्रालाय के अनुसार रेल कोच फैक्टरी ने कोरोना (Coronavirus) काल के बाद रेलवे ने सुरक्षित सफर सुनिश्चित करने के लिए ‘कोरोना काल के बाद का विशेष कोच’ बनाया है। ‘पोस्ट कोविड कोच’ में हैंड फ्री सुविधा‚ कॉपर कोटिंग युक्त रेलिंग व चिटकनी और प्लाज्मा एयर प्यूरीफायर के अलावा टाइटेनियम डाई–ऑक्साइड कोटिंग भी की गई है।
Indian Railways is set to hit the tracks with 1st ‘Post COVID Coach’ to ensure a COVID free journey.
Amenities include:
▪Handsfree
▪Copper-coated handrails & latches
▪Plasmdioxide
▪Titanium di-oxide coatingMore info here: https://t.co/Louq81zQY5 pic.twitter.com/TzRVPT4IoP
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) July 14, 2020
कोविड–19 (Coronavirus) के रोकथाम के लिए रेलवे का सराहनीय प्रयास
रेलवे ने कोविड–19 वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कई कदम उठाने के साथ–साथ अनेक उल्लेखनीय उपाय किए हैं। ‘पोस्ट कोविड कोच’ में टाइटेनियम डाई–ऑक्साइड कोटिंग की सुविधा है। नैनो टैक्नोलॉजी वाली टाइटेनियम डाई–ऑक्साइड कोटिंग दरअसल फोटोएक्टिव सामग्री के रूप में कार्य करती है। यह एक पर्यावरण अनुकूल जल–आधारित कोटिंग है जो वायरस‚ बैक्टीरिया‚ फफूंदी और फंगस को नष्ट कर इन्हें पनपने नहीं देती है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह अंदर की हवा को बेहतर बना देती है। यह जहरीली नहीं है‚ जिसे संयुक्त राष्ट्र अमरीका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) की खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला द्वारा अनुमोदित और सीई प्रमाणित है।
टाइटेनियम डाई–ऑक्साइड को एक सुरक्षित पदार्थ माना जाता है और यह मानव शरीर के अनुकूल है। यह टाइटेनियम डाई–ऑक्साइड कोटिंग वॉश बेसिन‚ शौचालय‚ सीटों और बर्थ‚ स्नैक टेबल‚ ग्लास विंडो‚ फ्लोर सहित हर उस सतह पर की गई है जहां लोगों का हाथ लग जाता है। यह कोटिंग 12 महीने तक प्रभावकारी या कारगर रहती है।
हैंड्स फ्री सुविधाओं से लैस होगा रेलवे कोच
‘पोस्ट कोविड कोच’ में हैंड्स फ्री सुविधाओं में जैसे कि पैर से संचालित पानी का नल, साबुन निकालने की मशीन‚ पैर से संचालित शौचालय द्वार (बाहर)‚ पैर से संचालित फ्लश वाल्व‚ पैर से संचालित शौचालय के दरवाजे की चिटकनी‚ टॉयलेट के बाहर स्थित वॉश बेसिन में पैर से संचालित पानी का नल व साबुन निकालने की मशीन और डिब्बे के दरवाजे पर बांह से संचालित हैंडल हैं। इसका मतलब यह कि इनमें से किसी को भी हाथ से छूने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
‘कॉपर कोटिंग युक्त रेलिंग‘ से नष्ट होगा वायरस
‘पोस्ट कोविड कोच’ में कॉपर कोटिंग युक्त रेलिंग व चिटकनियां लगाई गई हैं क्योंकि कॉपर के संपर्क में आने वाला वायरस कुछ ही घंटों में निष्क्रिय हो जाता है। कॉपर में सूक्ष्मजीव–रोधी गुण होते हैं। जब कॉपर की सतह पर वायरस आता है तो आयन रोगाणु को जोर का झटका देता है और वायरस के अंदर स्थित डीएनए-आरएनए को नष्ट कर देता है।
क्या है ‘प्लाज्मा एयर उपकरण
‘पोस्ट कोविड कोच’ में एसी डक्ट या पाइप में प्लाज्मा एयर उपकरण लगा होता है। यह प्लाज्मा एयर उपकरण आयन युक्त वायु का उपयोग करके एसी कोच के अंदर की हवा और सतहों को जीवाणुरहित कर देगा और इस तरह से कोच को कोविड–19 (Coronavirus) और सूक्ष्म कोण–रोधी बना देगा। यही नहीं‚ इस सुविधा से आयन सांद्रता 100 आयन/घन सेंटीमीटर से बढ़कर 6 हजार से अधिक आयन/घन सेंटीमीटर हो जाएगी।
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