
क्राइम ब्रांच निजामुद्दीन इलाके में स्थित तब्लीगी जमात (Tablighi Jammat) के सेंटर (Markaz) की फंडिंग को लेकर जांच कर रही है। क्राइम ब्रांच ने आशंका जताई है कि संस्था को पीएफआई की फंडिंग हो रही थी। सूत्रों ने दावा किया जमात को खाड़ी और कुछ अन्य देशों से फंड मिलता रहा है। इस संबंध में खातों से लेकर तमाम ट्रांजेक्शन को वेरिफाई किया जा रहा है। क्राइम ब्रांच का कहना है कि पीएफआई पहले भी देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाया गया था। हाल ही में दिल्ली दंगों को लेकर पीएफआई का नाम सामने आया था‚ इसके पहले शाहीन बाग धरने को लेकर भी इसके नाम का खुलासा हुआ था।
अपनी प्रारंभिक जांच में पुलिस मरकज (Markaz) से जुड़े सारे जमात के सदस्यों के बैंक खातों को खंगाल रही है। डीसीपी जय तिर्की व एसीपी अरविंद यादव की टीम निजामुद्दीन पहुंचकर कई महत्वपूर्ण जानकारियां एकत्रित की।
पुलिस का कहना है कि मरकज से 2361 लोग निकाले गए थे। इनमें से कइयों की कोरोना (Coronavirus) पाजिटिव रिपोर्ट आ चुकी है और माना जा रहा है कि देशभर में कोरेना संक्रमण फैलाने में मरकज (Markaz) से जुड़े जमात के लोगों की बड़ी भूमिका रही है।
सूत्रों का कहना है कि क्राइम ब्रांच की टीम को जमात की तरफ से कोई खास सहयोग नहीं मिल रहा है। जमात (Tablighi Jammat) के लोगों के बारे में भी सही सूचनाएं भी नहीं दी जा रही हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मरकज (Markaz) से बड़ी संख्या में जमाती दिल्ली की विभिन्न मस्जिदों में चले गए थे। उनमें से भी काफी लोगों को पुलिस तलाश कर क्वारंटीन में भेज चुकी है।
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p style=”text-align: justify;”>मामले में क्राइम ब्रांच के कई वरिष्ठ अधिकारी एफएसएल टीम के साथ मरकज (Markaz) की जांच कर चुके हैं‚ जबकि जमात (Tablighi Jammat) के प्रमुख साद को दो बार नोटिस भेजा जा चुका है‚ लेकिन उनकी तरफ से जवाब नहीं आया है।
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