Covid Vaccine of Coronavirus। प्रतिकात्मक चित्र
Coronavirus Updates: देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना (Coronavirus) संक्रमित एक पिता ने अस्पताल की चौखट पर दम तोड़ दिया, न सरकारी हेल्पलाइन चली‚ ना ही अस्पताल में बिस्तर मिला और इलाज की बात तो दिल्ली वाले अब भूल ही जायें तो अच्छा है। राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के बड़े-बड़े दावे फिर से एक बार खोखले साबित हुए और उनके द्वारा शुरू की गई कोविड पेशेंट की सुविधा और हेल्पलाइन नंबर सभी विज्ञापनों तक ही सीमित मिलीं।
देश की राजधानी दिल्ली के लोकनायक अस्पताल की कैजुअलिटी विंग के बाहर जीके–1 के एम ब्लॉक के निवासी लखजीत सिंह (68) नामक एक कोविड संक्रमित (Coronavirus) की मौत हो गई। उनकी बेटी अमरप्रीत का आरोप है कि बृहस्पतिवार तड़के करीब 7 बजे उन्हें लोकनायक अस्पताल ले आए। पहले तो उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने अंदर यह कहते हुए प्रवेश करने से रोक दिया कि पहले कोविड रूम के डॉक्टर को दिखाओ फिर यहां लाना।
He is no more. The govt failed us. https://t.co/uFJef9JxSA
— Amarpreet (@amar_hrhelpdesk) June 4, 2020
मृतक की बेटी के अनुसार ‘जब वह कोविड (Coronavirus) स्क्रीनिंग सेंटर पहुंची‚ जहां पर उनका नंबर करीब 8:30 बजे तक नहीं आया। उनका आरोप है कि दिल्ली सरकार की कोविड साइट पर देखकर बेड़ खाली होने पर ही यहां लाए थे। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने भर्ती करना तो दूर हमें बाहर ही रोक दिया। साइट पर पर दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर रेस्पांस नहीं मिला‚ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल‚ स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को भी ट्वीट करते हुए कहा कि अस्पताल मेरे पिता को भर्ती करने से इंकार कर रहा है। अतः आप हस्तक्षेप कर हमारी मदद कीजिए। यहीं नहीं उसका यह भी आरोप है कि पिता जी को बाहर ही छोड़कर कोविड इमरजेंसी में जबरन घुसकर डॉक्टर तक पहुंची उनकी कुछ रिपोर्ट्स भी दिखाई कि उन्हें तेज फीवर है‚ सांस लेने में तकलीफ है‚ बेचैनी की शिकायत है‚ शरीर अचेत होता जा रहा हैउनका जीवन बचा लीजिए प्लीज प्लीज‚ लेकिन डॉक्टर यही कहते रहे कि यहां और भी मरीज हैं‚ पहले कोविड स्क्रीनिंग सेंटर जाइए वहां के डॉक्टर लिखकर देंगे तभी हम कुछ कर सकेंगे।’
इस बीच अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि मरीज को सुबह 7 बजकर 10 मिनट और 7:30 बजे लाया। इस दौरान उसकी डॉक्टरों की टीम उसके मेडिकल डॉक्यूमेंट्स को जांच करने के बाद उसे 7 बजकर 37 मिनट पर जब स्ट्रेचर पर ले गए और उसकी नब्ज टटोली तो उनकी सांसे थम चुकी थी।
अस्पताल में कोविड (Coronavirus) मामलों की नोडल अधिकारी डॉ. रीतू ने सफाई दी कि मरीज यहां ब्रोडडेड लाया गया था। जो ट्वीट पेशेंट की बेटी ने किए हैं वह 8 बजकर 05 मिनट और 9 बजकर 05 मिनट के दौरान किए हैं।
वहीं इस मामले में आम आदमी पार्टी से बीजेपी में शामिल हुए वरिष्ठ नेता कपिल मिश्रा ने इस पूरी घटना के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेवार ठहराया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह सिर्फ विज्ञापनों के मुख्यमंत्री हैं। तीन दिनों में उन्होंने कोविड (Coronavirus) के नाम पर करीब 3 करोड रुपए विज्ञापनों पर खर्च कर दिए हैं। वास्तव में स्वास्थ्य सेवाएं बद से बदतर हो चुकी है।
2 जून सुबह से 4 जून सुबह तक
कोरोना पॉजिटिव पिता के ईलाज के लिए गुहार लगाती रही ये बेटी
आखिर पिता ने दम तोड़ दिया
ना हेल्पलाइन चली, ना अस्पताल मिला,
ना इलाज,इन तीन दिनों में केजरीवाल ने विज्ञापनों पर 12 करोड़ रुपये खर्च किये pic.twitter.com/RfBBoMO7vq
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) June 4, 2020
दूसरी ओर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के कांग्रेस दल के नेता अभिषेक दत्त ने दिल्ली सरकार पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा एक तरफ ऐप में एलएनजेपी अस्पताल में 1129 बेड खाली दिखाए गए हैं लेकिन जब परिजन अस्पताल में मरीज को लेकर पहुंचते हैं तो वहां पर बेड नहीं मिलता जिससे लोगों की मौत हो जा रही है।
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