सांकेतिक तस्वीर।
नक्सलियों (Naxalites) के खौफ की वजह से माइनिंग एरिया में पेड़ों की कटाई नहीं हो पा रही है और प्रोजेक्ट का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। दल्लीराजहरा तभी विकास कर सकता है, जब रावघाट परियोजना का काम आगे बढ़ सके।
राजहरा: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ लगातार अभियान जारी है, फिर भी नक्सली अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। नक्सली गतिविधियां तेज होने की वजह से रावघाट परियोजना पर काफी असर पड़ा है।
नक्सलियों (Naxalites) के खौफ की वजह से माइनिंग एरिया में पेड़ों की कटाई नहीं हो पा रही है और प्रोजेक्ट का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
दल्लीराजहरा तभी विकास कर सकता है, जब रावघाट परियोजना का काम आगे बढ़ सके। रावघाट की पहाड़ियों के नीचे फुटहील में लगभग 21 हजार पेड़ विदोहन योजना के तहत काटे जाने हैं। इसके लिए कटाई का काम शुरू किया गया, लेकिन नक्सलियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया।
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नक्सलियों का कहना है कि पेड़ों की कटाई नहीं होगी। इस वजह से नक्सली इलाके में कई वारदातों को भी अंजाम दे चुके हैं। मामला इतना गंभीर है कि बीते महीने भर से पेड़ों की कटाई का काम ठप है।
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