छत्तीसगढ़: धमतरी में कमजोर पड़ चुके हैं नक्सली संगठन, ग्रामीणों के बीच फिर भी दहशत का माहौल

नक्सलियों की तमाम कोशिशों के बावजूद भी नक्सली संगठन इस जिले में विस्तार नहीं कर पा रहे हैं। फिर भी जनता के मन में नक्सलियों का डर बैठा हुआ है।

Naxalites

सांकेतिक तस्वीर

नक्सलियों की तमाम कोशिशों के बावजूद भी नक्सली (Naxalites) संगठन इस जिले में विस्तार नहीं कर पा रहे हैं। फिर भी जनता के मन में नक्सलियों का डर बैठा हुआ है।

धमतरी: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में नक्सली (Naxalites) बीते 25 सालों से दहशत फैलाए हुए हैं, जबकि हकीकत ये है कि इस जिले में नक्सली संगठन काफी कमजोर हो चुके हैं।

नक्सलियों की तमाम कोशिशों के बावजूद भी नक्सली (Naxalites) संगठन इस जिले में विस्तार नहीं कर पा रहे हैं। फिर भी जनता के मन में नक्सलियों का डर बैठा हुआ है।

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मिली जानकारी के मुताबिक, यहां नक्सलियों की संख्या सिमटकर केवल 20 से 25 ही रह गई है। लेकिन यहां के गांवों में और जंगलों में नक्सलियों की आवाजाही लगी रहती है।

वह ग्रामीणों को डराते धमकाते रहते हैं और उन्हें नक्सली संगठन से जुड़ने के लिए कहते हैं। खबर है कि इस समय एकावरी गांव का टिकेश ध्रुव नक्सली संगठन से जुड़कर काम कर रहा है।

बता दें कि धमतरी में 4 नक्सली संगठनों के नक्सली सक्रिय हैं। यहां सीतानदी दलम, गोबरा दलम, मैनपुर डिवीजन कमेटी और रावस कमेटी के नक्सली हैं।

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