छत्तीसगढ़: बारिश के मौसम में जंगल में रहने वाले नक्सली कैसे करते हैं गुजारा? यहां जानें पूरी बात

नक्सली (Naxalites) जंगलों में रहते हैं, उनके लिए ये सुरक्षित ठिकाना होता है क्योंकि सालों से वह अपनी जड़ों को जंगलों में जमाए हुए हैं।

Naxalites

सांकेतिक तस्वीर

नक्सली (Naxalites) जंगलों में रहते हैं, उनके लिए ये सुरक्षित ठिकाना होता है क्योंकि सालों से वह अपनी जड़ों को जंगलों में जमाए हुए हैं और यहां के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हैं।

धमतरी: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद काफी हावी है। यहां के कई क्षेत्र नक्सल (Naxalites) प्रभावित हैं। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि जंगलों में रहने वाले इन नक्सलियों का बरसात के मौसम में कैसे गुजारा होता है?

दरअसल नक्सली (Naxalites) जंगलों में रहते हैं, उनके लिए ये सुरक्षित ठिकाना होता है क्योंकि सालों से वह अपनी जड़ों को जंगलों में जमाए हुए हैं और यहां के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हैं। यहां सुरक्षाबलों की नजरों से बचने के लिए उनके पास कई साधन होते हैं, लेकिन बरसात के मौसम में जंगल में रहना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि बरसात में मच्छर, सांप और कई जानवरों का खतरा बढ़ जाता है और जान जा सकती है।

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ऐसे में नक्सली, बरसात के मौसम में किसानों और मजदूरों का हुलिया रखकर गांवों में रहने लगते हैं, जिससे लोग उन्हें ग्रामीण समझें। नक्सलियों के डर की वजह से बाकी के ग्रामीण उनका विरोध नहीं कर पाते।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में एक जगह है, जिसका नाम धमतरी है। यह जिला कारिडोर है। यहीं से नक्सली ओडिशा, आंध्र प्रदेश वाया कांकेर और बस्तर आते-जाते हैं। बरसात का मौसम आते ही नक्सली वनांचल के गांवों में दुबक जाते हैं, और ग्रामीणों के घरों में जबरदस्ती ठहरते हैं। ग्रामीणों को नक्सलियों की ना चाहते हुए भी सेवा करनी पड़ती है। बारिश के 3 महीने के मौसम के दौरान नक्सली ऐसा करते हैं।

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