NRC पर शाह और ममता में रार, बंगाल में नहीं लागू होगा केंद्र का कानून!

Amit Shah

अहम बातें:

  • राज्य सभा में एक प्रश्न के उत्तर में गृहमंत्री ने पूरे देश में NRC लागू करने का किया ऐलान

  • नागरिकता संशोधन विधेयक और NRC दोनों अलग-अलग प्रक्रिया है, दोनों को लेकर है कन्फ्यूजन: Amit Shah

  • राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) की इजाजत नहीं देंगी ममता बेनर्जी

  • कोई आपकी नागरिकता छीनकर आपको शरणार्थी नहीं बना सकता- Mamata Banerjee

  • असम बीजेपी सरकार ने केंद्र से मौजूदा लिस्ट को खारिज करने का किया अनुरोध 
    Amit Shah

गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने राज्यसभा में कहा कि अवैध लोगों की पहचान के लिए पूरे देश में राष्ट्रीय भारतीय नागरिक रजिस्टर (NRC) लागू होगा और इसमें सभी धर्मों और संप्रदायों के लोगों को शामिल किया जाएगा।

गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोगों में राष्ट्रीय भारतीय नागरिक रजिस्टर और नागरिकता अधिनियम में संशोधनों को लेकर भ्रम की स्थिति है जबकि ये दोनों अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर असम में NRC लागू किया जा रहा है और यह घुसपैठियों की पहचान करने के लिए है। उन्होंने कहा कि जब पूरे देश में NRC लागू होगा तो असम में भी यह प्रक्रिया फिर होगी।

इतिहास में आज का दिन – 21 नवंबर

असम में NRC से बाहर रह गये लोगों की पूरी मदद की जाएगी और उनके लिए राज्य की प्रत्येक तहसील में एक न्यायाधिकरण स्थापित किया गया है। गरीब लोगों को असम सरकार कानूनी सेवा उपलब्ध कराएगी। अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि नागरिकता अधिनियम के प्रस्तावित संशोधन में पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान से भारत आये हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी तथा इसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।

केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ खुद बीजेपी की ही सरकार खड़ी नजर आ रही है। दरअसल असम के वित्त मंत्री हिमंत विश्वा सरमा ने राज्य सरकार ने हाल में जारी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को खारिज किये जाने का केन्द्र से अनुरोध किया है।

Amit Shah

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने लोगों को आश्वस्त किया कि वह राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) की इजाजत नहीं देंगी। बनर्जी (Mamata Banerjee) ने एक जनसभा को यहां संबोधित करते हुए कहा, “कुछ लोग ऐसे हैं जो राज्य में NRC लागू करने के नाम पर अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि हम बंगाल में NRC की कभी अनुमति नहीं देंगे। कोई आपकी नागरिकता छीनकर आपको शरणार्थी नहीं बना सकता है। धर्म के आधार पर कोई बंटवारा नहीं होगा।” 

ममता बेनर्जी (Mamata Banerjee) ने केंद्र सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए पूछा कि, “पश्चिम बंगाल में NRC लागू करने से पहले बीजेपी को यह बताना चाहिए कि 14 लाख हिंदू और बंगालियों का नाम असम में NRC सूची में क्यों नहीं है?”

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