ढाई साल के मासूम के सर से उठ गया पिता का साया, आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गया बिहार का लाल

संतोष कुमार मिश्रा (Santosh Kumar Mishra) उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में 4 मई को आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ (Terrorist Encounter) में शहीद हो गए थे। वे सीआरपीएफ (CRPF) में कांस्टेबल थे।

Santosh Kumar Mishra

मुठभेड़ के दौरान आतंकियों से लोहा लेते हुए कांस्टेबल संतोष कुमार मिश्रा शहीद हो गए।

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के कुपवाड़ा (Kupeara) में हुई मुठभेड़ के दौरान आतंकियों से लोहा लेते हुए CRPF के तीन जवान शहीद हो गए। इन तीन जवानों में बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले कांस्टेबल संतोष कुमार मिश्रा (Santosh Kumar Mishra) भी थे। संतोष कुमार मिश्रा उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में 4 मई को आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ (Terrorist Encounter) में शहीद हो गए थे। उनकी शहादत पर आज पूरा बिहार गर्व कर रहा है।

गांव के हर व्यक्ति को संतोष की शहादत पर है गर्व: शहीद संतोष कुमार मिश्रा (Santosh Kumar Mishra) औरंगाबाद जिले के गोह थाना अंतर्गत दाउदनगर के देवहरा के रहने वाले थे। संतोष के शहीद होने की खबर मिलते ही गांव में मातमी सन्नाटा छा गया है। शहीद जवान संतोष के घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव का हर व्यक्ति संतोष की इस शहादत पर गर्व कर रहा है। शहीद संतोष मिश्रा के बड़े भाई विकास मिश्रा बताते हैं कि मुझे अपने भाई के बलिदान पर गर्व है। 

‘वह वादे के पक्के हैं, उनका फोन जरूर आएगा’, शहीद की पत्नी को अभी भी है फोन का इंतजार

बात करने के कुछ देर बाद ही आ गई शहादत की खबर: संतोष सीआरपीएफ (CRPF)  की 92वीं बटालियन में तैनात थे। साल 2004 में उन्होंने CRPF ज्वॉइन किया था। संतोष मिश्रा (Santosh Kumar Mishra) तीन भाइयों में दूसरे नंबर के थे। उनकी शादी साल 2009 में हुई थी। उनकी पत्नी का नाम दुर्गा देवी है। उनका ढाई साल का एक बेटा है। पत्नी और बेटा देवहरा में ही परिजनों के साथ रहते हैं। मुठभेड़ से थोड़ी देर पहले ही संतोष का फोन आया था और उन्होंने घर के लोगों ने बात की थी। पर, फोन पर बात करने के कुछ घंटों के अंदर ही शहादत की खबर आ गई।

मुख्यमंत्री ने जताई संवेदना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शहीद संतोष कुमार मिश्रा (Santosh Kumar Mishra) के प्रति गहरा शोक जताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश उनकी शहादत को हमेशा याद रखेगा। मैं खुद इस घटना से काफी मर्माहत हूं। गर्व है कि बिहार के एक सपूत ने आतंकियों से लोहा लेते हुए अपनी जान गंवा दी। उनकी शहादत को बिहार हमेशा याद रखेगा।

गौरतलब है कि 4 मई को जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के कुपवाड़ा (Kupwara) जिले के क्रालगुंड इलाके में आतंकियों ने CRPF की एक नाका पार्टी पर गोलीबारी शुरू कर दी थी। जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के तीन जवान मौके पर शहीद हो गए थे। 

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