अवधेश की शादी तीन साल पहले चंदौली के पूरवा गांव की रहने वाली शिल्पी से साथ हुई थी। इनका एक 2 साल का बेटा निखिल है। अभी बीते मंगलवार को शहीद अवधेश यादव घर से लौटकर ड्यूटी जॉइन किए थे। पर क्या पता था कि ये उनका आख़िरी सफ़र होगा।

आतंकवादियों के हमले में सिर्फ़ राम वकील शहीद नहीं हुए बल्कि एक पूरा परिवार उजड़ गया। कई सपने दफ़्न हो गए, कई उम्मीदें खत्म हो गईं।

पुलवामा आतंकी हमला: शहादत पर सीना चौड़ा करने का वक्त गुजर चुका है। वक्त है निर्णायक हल का।

सालों तक खून-खराबा किया। कई बड़ी वारदातों में शामिल रहा। एक तरफ, जहां हर वारदात के साथ नक्सल संगठन में उसका कद बढ़ता जा रहा था, वहीं दूसरी तरफ उसके दिल में वापसी की इच्छा भी हिलोरें ले रही थी।

बंदूक और आतंक के सहारे सत्ता परिवर्तन का ख़्वाब देखने वाले नक्सली भी देर-सबेर प्यार में पड़ ही जाते हैं। कुछ का प्रेम परवान चढ़ता है, कुछ पुलिस की गिरफ्त में जा फसंते हैं या गोलियों का शिकार हो जाते हैं तो कुछ लोग संगठन को ही हमेशा के लिए अलविदा कह देते हैं।

आज के दौर में जहां दोस्त, दोस्त का सगा नहीं होता, भाई का भाई से बैर है। वहीं सीआरपीएफ (CRPF)...

खून-खराबा करने वाले नक्सलियों को अब विकास की चिंता सताने लगी है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में उन्होंने एक पर्चा जारी करके विकास के लिए 17 सूत्रीय मांग रखी है।

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