Pulwama Attack: लौट कर मां के कैंसर का इलाज कराना था, बच्चे का स्कूल में दाखिला करवाना था…

अवधेश की शादी तीन साल पहले चंदौली के पूरवा गांव की रहने वाली शिल्पी से साथ हुई थी। इनका एक 2 साल का बेटा निखिल है। अभी बीते मंगलवार को शहीद अवधेश यादव घर से लौटकर ड्यूटी जॉइन किए थे। पर क्या पता था कि ये उनका आख़िरी सफ़र होगा।

Pulwama Attack

शहीद अवधेश यादव। फाइल फ़ोटो।

Pulwama Attack: कश्मीर के पुलवामा (Pulwama) में हुए आतंकी हमले के चलते चंदौली के पड़ाव क्षेत्र के बहादुरपुर गांव निवासी अवधेश यादव के परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। अवधेश यादव की शहादत की खबर सुनते ही पूरे गांव में मातम का माहौल है।

शहीद अवधेश यादव साल 2006 में सीआरपीएफ की 145वीं बटालियन में भर्ती हुए थे। वे चार भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। परिवार के भरण पोषण की ज़िम्मेदारी इनके कंधो पर ही थी। मां मालती देवी कैंसर पीड़ित हैं, जिनका इलाज चल रहा है।

अवधेश की शादी तीन साल पहले चंदौली के पूरवा गांव की रहने वाली शिल्पी से साथ हुई थी। इनका एक 2 साल का बेटा निखिल है। अभी बीते मंगलवार को शहीद अवधेश यादव घर से लौटकर ड्यूटी जॉइन किए थे। पर क्या पता था कि ये उनका आख़िरी सफ़र होगा।

अवधेश यादव की शहादत की खबर सुनकर पूरे परिवार पर क़यामत टूट पड़ी है। पत्नी शिल्पी बार-बार बेहोश हो रही हैं, होश आता है, सबको संभालने लगती है और फिर बेहोशी तारी हो जाती है। मां को यक़ीन ही नहीं हो रहा है, वो बार-बार दरवाज़े पर जाती हैं और अपने लाल के लौट आने का इंतज़ार कर रही हैं। मां को यक़ीन है कि बेटा वापस आएगा और उनके कैंसर का इलाज कराएगा।

बेटे निखिल को कुछ समझ नहीं आ रहा है, वो सबको रोता बिलखता देख रोने लगता है। घर में जमा भीड़ को देखकर अचंभित होकर परेशान हो जाता है। शहीद के पिता इस दुख की घड़ी में अपने दर्द को सीने में दबाकर परिवार संभालने की कोशिश कर रहे हैं।

घर पर प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों के आने का तांता लगा हुआ है। डीएम नवनीत सिंह चहल, एसपी संतोष सिंह, एसडीएम आशीष कुमार, सीओ सदर प्रदीप सिंह समेत कई थाना प्रभारी शहीद के घर पहुंचे। वहां पहुंच कर अधिकारियों ने शहीद अवधेश के पिता हरिकेश यादव व परिजनों को ढ़ाढंस बंधाया, साथ ही परिवार की हरसंभव मदद करने का भी वादा किया।

क्षेत्र के लोगों में जबरदस्त गुस्सा है। लोग शहीद के परिवार से मिलकर सांत्वना दे रहे हैं। आतंकवाद मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं। सभी लोग शहीद परिवार के ग़म में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।

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