बिहार: विधानसभा चुनाव के दौरान नक्सली कर सकते हैं नापाक हरकत, पुलिस के साथ अर्द्धसैनिक बलों की होगी तैनाती

चुनाव आयोग के निर्देश पर संबंधित जिले में पिछले एक महीने से जिला पुलिस अर्धसैनिक बलों की मदद से सर्च ऑपरेशन चला रही है ताकि नक्सलियों (Naxalites) को ठिकाना बनाने का मौका नहीं मिल सके।

Naxalites

सांकेतिक तस्वीर।

चुनाव के दौरान पहले भी नक्सलियों (Naxalites) ने मतदान केन्द्र को क्षतिग्रस्त करने के साथ ही रास्ते में आईईडी बम लगाने एवं सुरक्षाबलों का निशाना बनाने की घटना को अंजाम दिया है।

चुनाव आयोग (Election Commission) ने बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) को तीन चरणों में कराने की घोषणा कर दी है। इसके लिए 1 अक्टूबर, 2020 को अधिसूचना जारी होने के बाद 8 अक्टूबर तक नामांकन पत्र प्रत्याशी द्वारा भरा जायेगा। 9 अक्टबूर को स्क्रूटनी होगी जबकि 12 अक्टूबर तक नामांकन में वैध पाए जाने वाले प्रत्याशी अपना नाम वापस ले सकेंगे।

26 अक्टूबर की शाम तक ये प्रत्याशी खुद के लिए जनता के बीच जाकर अपने लिए वोट का समर्थन मांग सकेंगे। चुनाव आयोग द्वारा (Election commission) घोषणा किए जाने के बाद प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर तैयारी को लेकर हलचल तेज हो गई है।

Chhattisgarh: नक्सलियों के आतंक पर लगाम लगाने मैदान में उतरी पुलिस, बनाया ये प्लान

बता दें कि बिहार के भभुआ, सासाराम, औरंगाबाद, गया, नवादा, लखीसराय, मुंगेर एवं जमुई जिला के करीब दो दर्जन विधानसभा क्षेत्र अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में चुनाव आयोग को कोरोना की एडवयाजरी के पालन कराने के साथ ही नक्सलियों के मूवमेंट को रोकने के लिए खास कदम उठाए जाएंगे।

इसके लिए इन क्षेत्रों में जिला पुलिस के साथ ही अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी। इन इलाकों में शांतिपूर्ण एवं सुरक्षित मतदान कराने के लिए चुनाव आयोग ने कई निर्देश दिए हैं। गया के एसएसपी राजीव मिश्रा के मुताबिक, चुनाव आयोग के निर्देश पर संबंधित जिले में पिछले एक महीने से जिला पुलिस अर्द्धसैनिक बलों की मदद से सर्च ऑपरेशन चला रही है ताकि नक्सलियों (Naxalites) को ठिकाना बनाने का मौका नहीं मिल सके।

रक्षा क्षेत्र में भारत को मिली एक और उपलब्धि, DRDO ने बनाना शुरू किया ये घातक मिसाइल

इन इलाकों में पहले से ही सीआरपीएफ, कोबरा, एसएसबी और अन्य एजेंसी पहले से ही अभियान चला रही है। वहीं, चुनाव के मौके पर अर्द्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनी की डिमांड की गई है। उन्हें उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानससभा चुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से कराने में सफलता मिलेगी।

ये भी देखें-

गौरतलब है कि इन नक्सली संगठनों (Naxal Organization) ने पिछले कई चुनाव में विभिन्न हथकंडों के जरिए मतदान को बाधा पहुंचाने की कोशिश की है। नक्सलियों (Naxalites) ने मतदान केन्द्र को क्षतिग्रस्त करने के साथ ही रास्ते में आईईडी बम लगाने एवं सुरक्षाबलों का निशाना बनाने की घटना को अंजाम दिया है।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें