India-China LAC Clash: जहां से रिटायर हुए बड़े भाई, वहीं पर दी शहादत

शहादत से पहले मनदीप दिलेरी से दुश्मन सेना से लड़ रहे थे। बहादुरी का यह किस्सा बयां करते मनदीप सिंह के भाई निर्मल का सीना गर्व से चौड़ा हो रहा है। उन्होंने बताया कि मनदीप (Martyr Mandeep Singh) किसी के रोके नहीं रुक रहा था।

Martyr Mandeep Singh

शहीद मनदीप सिंह (फाइल फोटो)

लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों में पंजाब के पटियाला के नायब सूबेदार मनदीप सिंह भी शामिल थे। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए जब पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सभी ने नम आंखों के साथ शहीद को नमन किया। 18 जून की शाम को उनके पैतृक गांव सील में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। चिता को मुखाग्नि भाई निर्मल सिंह और बेटे ने दी। मनदीप के भाई निर्मल सिंह ने बताया कि मनदीप ने बड़ी बहादुरी से दुश्मनों का सामना किया। निर्मल सिंह बीते 30 अप्रैल को उसी पोस्ट से रिटायर होकर लौटे हैं, जहां मनदीप शहीद हुए थे। निर्मल भावुक होकर अपने भाई की दिलेरी की दास्तान सुनाते हैं। निर्मल सिंह ने बताया कि मनदीप 15 दिन पहले ही अपने घर से छुट्टी बिताकर वापस लौटे थे। निर्मल सिंह के पास 17 जून की सुबह फोन आया और बताया गया कि मनदीप घायल हो गए हैं। जब उन्होंने इस बारे में और जानकारी मांगी तो बताया गया कि अभी संपर्क नहीं हो पा रहा है। इसके बाद दोपहर में उनके पास फिर फोन आया, जिसमें बताया गया कि मनदीप चीनी सेना से लड़ते हुए शहीद हो गए।

 

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