India-China LAC Clash: इसी महीने होने वाली थी शादी, बारात की जगह निकली अर्थी

लद्दाख के गलवान घाटी में सोमवार की रात भारत व चीनी सेना के बीच हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। इसमें पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रहने वाले राजेश ओरांग भी शहीद हो गए। राजेश (Martyr Rajesh Orang) बीरभूम जिले के मोहम्मदबाजार पुलिस थाने के बेलगोरिया गांव के रहने वाले थे।

Martyr Rajesh Orang

शहीद राजेश ओरांग (फाइल फोटो)

लद्दाख के गलवान घाटी में सोमवार की रात भारत व चीनी सेना के बीच हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। इसमें पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रहने वाले राजेश ओरांग भी शहीद हो गए। राजेश (Martyr Rajesh Orang) बीरभूम जिले के मोहम्मदबाजार पुलिस थाने के बेलगोरिया गांव के रहने वाले थे। सेना के अधिकारियों ने 16 जून की शाम को राजेश की शहादत के बारे में सूचना दी।

जैसे ही राजेश ओरांग के इस हमले में शहीद होने की खबर उनके घर पहुंची, परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। शहीद राजेश ओरांग (Martyr Rajesh Orang) के परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। राजेश की शहादत पर उनके परिवार समेत पूरे गांव वालों को गर्व है। राजेश ओरांग ने साल 2015 में भारतीय सेना ज्वॉइन किया था। जिसके बाद उन्हें लद्दाख में तैनात कर दिया गया। वे बिहार रेजीमेंट में थे।

शहीद राजेश (Martyr Rajesh Orang) 26 साल के थे। इसी महीने उनकी शादी होने वाली थी। परिजनों के मुताबिक, वह सितंबर, 2019 में आखिरी बार घर आए थे और करीब 2 हफ्ते पहले फोन पर आखिरी बार बात की थी। तब राजेश ने कहा था कि वह जल्दी ही छुट्टी लेकर घर आएंगे। लेकिन, किसे पता था कि राजेश नहीं उनका पार्थिव देह घर पहुंचेगा।

राजेश के पिता किसान हैं। पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे हैं। जैसे ही उन्हें बेटे के चीनी सेना के साथ हुए संघर्ष में शहीद हो जाने की खबर मिली, वे बेहाल हो गए। चीनी सेना से लोहा लेते हुए जाने देने वाले राजेश ओरंग (Martyr Rajesh Orang) तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे।

 

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