पत्नी के साथ शहीद कुंदन ओझा। (फाइल फोटो)
भारत-चीन के बीच हुई खूनी झड़प में झारखंड का जवान शहीद हो गया। विधि का विधान देखिए कि झारखंड के शहीद जवान कुंदन ओझा (Martyr Kundan Ojha) 20 दिन पहले ही पिता बने थे। अब तक वह अपने पहले बच्चे का मुंह भी नहीं देख पाया था।
झारखंड के साहेबगंज के डिहारी रहने वाले कुंदन ओझा ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। शहीद कुंदन (Martyr Kundan Ojha) का पूरा परिवार बिहार के भोजपुर से आकर झारखंड के साहिबगंज में बस गया था। उनका परिवार बिहार के भोजपुर जिले के बिहिया थाना के पहाड़पुर गांव का रहने वाला है।
कुंदन की शहादत से बिहार और झारखंड दोनों राज्यों में शोक की लहर दौड़ गई है। कुंदन के पैतृक घर में भी कोहराम मच गया। गांव और घर के लोग मर्माहत हैं। जानकारी के अनुसार, कुंदन ओझा तीन भाइयों में दूसरे नंबर के थे। परिवार में कमाने वाले सिर्फ कुंदन ही थे। उनके चाचा धर्मनाथ ओझा आरा में वकील हैं। कुंदन और उनके परिवार के लोग शादी-विवाह में गांव आते रहते हैं।
कुंदन (Martyr Kundan Ojha) पिता रविशंकर ओझा किसान हैं। शहीद कुंदन ओझा की करीब दस साल पहले सेना में नौकरी लगी थी। अभी दो साल पहले ही उनकी शादी हुई थी और बीस रोज पहले एक बच्ची की किलकारी उनके घर में गूंजी थी। घर में पहली बेटी होने को लेकर सभी काफी खुशी थी। पर, कुंदन अपने पहले बच्चे को देखने से पहले ही शहीद हो गए।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App