राजद्रोह के मामले में माओवादी नेता कोबाड गांधी गिरफ्तार

प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के कथित सदस्य गांधी को झारखंड के हजारीबाग जेल से स्थानांतरण वॉरंट पर यहां लगाया गया था। पुलिस उपाधीक्षक सी एम जडेजा के मुताबिक, 68 साल के गांधी को न्यायिक मजिस्ट्रेट एचआर ठकोर की अदालत में पेश किया गया, जिन्होंने उसे सूरत ग्रामीण पुलिस के हवाले कर दिया।

Kobad Ghandy

माओवादी नेता कोबाड गांधी को सूरत पुलिस ने राजद्रोह के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया।

माओवादी नेता कोबाड गांधी (Kobad Ghandy) को सूरत पुलिस ने राजद्रोह के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। नौ साल पुराने इस मामले में उन्हें सूरत लाया गया था। 26 अगस्त को अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण गुजरात में नक्सल गतिविधियों को फैलाने के आरोप में गांधी और 24 अन्य के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था।

उन्होंने बताया कि प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के कथित सदस्य गांधी (Kobad Ghandy) को झारखंड के हजारीबाग जेल से स्थानांतरण वॉरंट पर यहां लगाया गया था। पुलिस उपाधीक्षक सी एम जडेजा के मुताबिक, 68 साल के गांधी को न्यायिक मजिस्ट्रेट एचआर ठकोर की अदालत में पेश किया गया, जिन्होंने गांधी को सूरत ग्रामीण पुलिस के हवाले कर दिया।

जडेजा ने बताया, ‘हमने कोबाड गांधी (Kobad Ghandy) की मैजिस्ट्रेट के सामने पेशी के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। 2010 में सूरत जिले की कामरेज पुलिस ने दक्षिण गुजरात में नक्सल गतिविधियों का प्रचार करने के लिए गांधी समेत 25 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इस मामले में 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अभी सीमा हिरानी नाम की एक आरोपी को नहीं पकड़ा जा सका है।’ पुलिस उपाधीक्षक के अनुसार, गांधी और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने, राजद्रोह समेत भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और गैर कानूनी गतिविधियों के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।

जडेजा ने कहा कि पुलिस 27 अगस्त को अदालत से गांधी की हिरासत मांगेंगी ताकि दक्षिण गुजरात में नक्सल गतिविधियों के प्रचार में उनकी कथित भूमिका की जांच की जा सके। मुंबई के एक धनी-मानी पारसी परिवार में जन्मे 68 वर्षीय कोबाड (Kobad Ghandy) की शिक्षा-दीक्षा दून स्कूल और इंग्लैंड में हुई थी। गांधी ने एलफिस्टन कॉलेज मुंबई में उच्च शिक्षा प्राप्त की है। 1960 के दशक के अंत में वह माओवादी विचारधारा से जुड़े। वह महाराष्ट्र में सीपीआई (एमएल) (पीपुल्स वॉर) के सक्रिय सदस्य थे और पीपुल्स वॉर के भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) विचारधारा से जुड़ने के बाद साल 2004 से वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) पार्टी के सेंट्रल सदस्य रहे।

पढ़ें: गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यों के सीएम के साथ की बैठक, नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सुरक्षा, विकास समेत कई मुद्दों पर बनी रणनीति

कोबाड गांधी (Kobad Ghandy) आंध्र प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, डी श्रीपाद राव की 1999 में हुई हत्या में आरोपी थे। इसके अलावा अगस्त, 2005 में पूर्व कांग्रेस विधायक सी. नरसी रेड्डी की हत्या के मामले में आंध्र प्रदेश पुलिस ने उनको हिरासत में लेने के बाद चेरलापल्ली सेंट्रल जेल में रखा था। साल 2008 में ग्रेहाउंड कमांडोज़ टीम हमले के मुख्य आरोपी कोबाड गांधी ही थे। उनके खिलाफ अधिकांश मामले विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और अवैध गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज थे। बताया जाता है कि आंध्र प्रदेश में पुलिस उनके खिलाफ चार्जशीट दर्ज करने में विफल रही थी। कोबाड गांधी को 22 सितंबर, 2009 में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था।

तब गांधी पर नई दिल्ली में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का नेटवर्क स्थापित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया था। सुरक्षा के दृष्टकोण से उसे झारखंड के जेपी कारा में लाया गया था। नक्सलियों से जुड़ी पत्रिका विजन-2026 निकाली गई थी, जिसका संपादन कोबाड (Kobad Ghandy) ने किया था। उन्हें जून, 2016 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा आतंक के आरोपों से बरी कर दिया गया था लेकिन उन्हें धोखाधड़ी व जालसाजी के आरोपों में दोषी ठहराया था। अदालत ने हालांकि उन्हें जितनी सजा सुनाई, उतनी वह सितंबर 2009 से जेल में रहते हुए पहले ही काट चुके थे।

पढ़ें: बड़ी नक्सली घटना को अंजाम देने की साजिश, हाई अलर्ट जारी

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें