
छत्तीसगढ़ में नक्सल हमले को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ में नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी सुंदराज ने प्रदेश में नक्सल हमले को लेकर हाई अलर्ट जारी होने की जानकारी दी।
छत्तीसगढ़ में नक्सल हमले को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ में नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी सुंदराज ने प्रदेश में नक्सल हमले को लेकर हाई अलर्ट जारी होने की जानकारी दी। डीआईजी के मुताबिक, नक्सली प्रदेश में बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसे देखते हुए सुरक्षाबल के जवानों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। डीआईजी सुंदराज ने बताया कि साल 2019 में अब तक सुरक्षाबल के जवानों ने 60 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। यह एक बड़ी सफलता है। मुठभेड़ में लगातार नक्सली मारे जा रहे हैं। इसी बौखलाहट में नक्सली किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसके मद्देनजर ही अलर्ट जारी किया गया है।
गौरतलब है कि देश में नक्सल समस्या से सबसे ज्याद प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ है। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के सभी जिलों सहित राजनांदगांव, कवर्धा, गरियाबंद, महासमुंद और धमतरी जिले में नक्सली काफी अधिक सक्रिय हैं। बस्तर संभाग में आए दिन नक्सल हिंसा से जुड़ी खबरें सामने आती रहती हैं। यही वजह है कि नक्सल समस्या के स्थाई समाधान को लेकर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 26 अगस्त को बैठक की। अमित शाह के केन्द्रीय गृहमंत्री बनने के बाद नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ इस समस्या के समाधान को लेकर यह पहली बैठक थी। बैठक में नक्सलियों के खिलाफ अभियानों और प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की गई।
इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (बिहार), नवीन पटनायक (ओडिशा), योगी आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश), कमलनाथ (मध्य प्रदेश), रघुबर दास (झारखंड) वाई एस जगनमोहन रेड्डी (आंध्र प्रदेश) और भूपेश बघेल (छत्तीसगढ़) ने हिस्सा लिया। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को जीतने के लिए उनकी फंडिंग रोकने को मूलमंत्र बताया। वामपंथी उग्रवाद को लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ बताते हुए उन्होंने इसके लिए केंद्र और राज्यों की साझा लड़ाई की जरूरत बताई।
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