धरती की ओर 4 हजार साल बाद आ रहा दुर्लभ धूमकेतु, ऐसा होगा नजारा

धरती की ओर 4 हजार साल बाद एक दुर्लभ धूमकेतु (Comet) आ रहा है। हाल ही में SETI इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे दुर्लभ धूमकेतु की खोज की है जो 4 हजार साल बाद धरती की ओर आ रहा है।

Comet

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SETI इंस्टीट्यूट के मेटियोर एस्ट्रोनॉमर पीटर जेनिसकेंस ने कहा कि हम ऐसे धूमकेतु (Comet) का अध्ययन कर रहे हैं जो धरती के लिए खतरनाक हो सकते हैं।

धरती की ओर 4 हजार साल बाद एक दुर्लभ धूमकेतु (Comet) आ रहा है। हाल ही में SETI इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे दुर्लभ धूमकेतु की खोज की है जो 4 हजार साल बाद धरती की ओर आ रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इससे पहले यह 2 हजार ईसापूर्व में धरती के करीब से गुजरा था।

SETI इंस्टीट्यूट के मेटियोर एस्ट्रोनॉमर पीटर जेनिसकेंस ने कहा कि हम ऐसे धूमकेतु (Comet) का अध्ययन कर रहे हैं जो धरती के लिए खतरनाक हो सकते हैं। इसमें से कुछ ऐसे हैं जो 2 हजार ईसापूर्व में देखे गए थे। उसके बाद अब ये वापस धरती की ओर आ रहे हैं। यानी पूरे चार हजार साल के बाद। हमने इनकी निगरानी कैमरास फॉर ऑलस्काई मेटियोर सर्विलांस (CAMS) की मदद से की है। ये कैमरा रात में धरती की ओर आने वाले धूमकेतुओं, एस्टेरॉयड्स और उल्कापिंडों पर नजर रखता है।

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पीटर ने बताया कि CAMS की मदद से हम यह पता कर पाते हैं कि धूमकेतु की ट्रैजेक्टरी, उसका रास्ता और धरती पर वो कौन से संभावित देश हो सकते हैं जहां इसके उल्कापिंडों की बारिश दिखेगी। यानी लोग आसमानी आतिशबाजी देख पाएंगे। पीटर ने बताया कि CAMS नेटवर्क दुनिया के 9 देशों में है।

पीटर जेनिसकेंस ने बताया कि हाल के वर्षों में ऑस्ट्रेलिया, चिली और नामीबिया में त्रिकोणीय उल्का देखे जाने की संख्या बढ़ी है। ये सारी जानकारी हमें CAMS नेटवर्क से मिली है, ये रात में निगरानी का नतीजा है। अभी तक हमें पता था कि सिर्फ पांच ही धूमकेतु हैं जो लंबे समय में धरती का चक्कर लगाते हैं। लेकिन अब हमनें 9 को खोज लिया है। ये संभवतः 15 हो सकते हैं लेकिन उनकी जांच अभी बाकी है। चार हजार साल बाद धरती की ओर आ रहा धूमकेतु भी इसी 9 में शामिल है।

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पीटर जेनिसकेंस ने कहा कि भविष्य में हम CAMS नेटवर्क को और बढ़ाएंगे ताकि हम सुदूर अंतरिक्ष से धरती की ओर आने वाले धूमकेतुओं, एस्टेरॉयड्स आदि का अध्ययन कर सकें और पृत्वी को संभावित खतरे से बचा सकें। हर रात CAMS हमें ये बताता है कि धरती के ऊपर अंतरिक्ष के किस तरफ से धूमकेतु के पीछे छूटा हुआ कचरा आ रहा है। इससे हमें ये पता लगता है कि किस देश के ऊपर आसमानी आतिशबाजी हो सकती है। साथ ही खतरा क्या हो सकता है।

पीटर के अनुसार, कई शूटिंग स्टार्स ऐसे होते हैं जिन्हें हम सामान्य तौर पर आंखों से देख सकते हैं लेकिन कई ऐसे होते हैं जो वायुमंडल में आते ही गायब हो जाते हैं। क्योंकि इनका आकार बहुत छोटा होता है। लेकिन अगर सही दिशा और ट्रैजेक्टरी का पता हो तो छोटे शूटिंग स्टार्स को भी देखा जा सकता है। बशर्ते आपके शहर के ऊपर आसमान साफ हो। प्रदूषण का स्तर कम हो या फिर बादल न हों।

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पीटर के अध्ययन के मुताबिक लंबे समय के बाद आने वाले धूमकेतु से होने वाली उल्कापिंडों की बारिश कई दिनों तक हो सकती है। यानी धरती के बड़े इलाके में आसमानी आतिशबाजी देखी जा सकती है। यह पीटर और उनकी टीम के लिए काफी हैरानी वाला मामला था। इसका अलग मतलब ये भी है कि ये धूमकेतु कई बार धरती के ऊपर से निकले हैं लेकिन इनकी कक्षा में परिवर्तन होता रहा है।

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वैज्ञानिकों के मुताबिक, धूमकेतु (Comet) अक्सर छोटे होते हैं। अगर थोड़े बड़े हैं भी तो वो अपनी गति की वजह से टूटते रहते हैं, जिस वजह से उनके पीछे चमकती हुई पूंछ दिखाई देती है। लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि बड़े धूमकेतु धरती की ओर आ सकते हैं। क्योंकि इनकी ऑर्बिट ऐसी होती है कि ये जल्दी दिखते नहीं। ये सूरज के चारों तरफ लंबी यात्रा करते हैं। अगर ये धरती की ओर आए तो इनकी गति बहुत ज्यादा हो सकती है। ये बड़ी तबाही ला सकते हैं।

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