राजीव गांंधी जयंती: आधुनिक भारत के इस शिल्पकार ने ही देश को कंप्यूटर और 18 साल की उम्र में मतदान का अधिकार दिया

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश की डांवांडोल होती राजनीतिक परिस्थितियों को संभालने के लिए उन्हें (Rajiv Gandhi) प्रधानमंत्री बनाया गया। उस समय कई लोगों ने उन्हें नौसिखिया भी कहा, लेकिन जिस तरह से उन्होंने यह जिम्मेदारी निभाई।

Rajiv Gandhi

Rajiv Gandhi birth anniversary II राजीव गांधी जयंती

राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुत्र और भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पौत्र और भारत के नौवें प्रधानमंत्री थे। राजीव गांधी 1987 से कांग्रेस (आई) के महासचिव थे और अपनी माँ की हत्या के बाद भारत के प्रधानमंत्री (1984-1989) बने। 40 साल की उम्र में देश के सबसे युवा और नौवें प्रधानमंत्री होने का गौरव हासिल करने वाले राजीव गांधी ‘आधुनिक भारत के शिल्पकार’ कहे जा सकते हैं। वे पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने देश में तकनीक के प्रयोग को प्राथमिकता देकर कंप्यूटर के व्यापक प्रयोग पर जोर डाला।

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राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) का जन्म 20 अगस्त, 1944 को बंबई के नर्सिंग होम में हुआ था। इंदिरा जी का पहला बेटा था। इनके पिता फिरोज़ गांधी थे तो पारसी परंतु गांधी जी उन्हें पुत्रवत् मानते थे-इसलिए उन्होंने अपने नाम के साथ गांधी लगा लिया था। इसलिए इंदिरा जी भी फिरोज़ से विवाह के बाद इंदिरा गांधी कहलाए। नेहरू जी ने अपनी बेटी के इस पहले बेटे का नाम राजीव रखा। राजीव के दूसरे भाई संजय का जन्म 14 दिसम्बर, 1946 को हुआ।

15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ तो नेहरू जी प्रधानमंत्री बने। इसलिए इंदिरा जी को अपने पिता की देखभाल के लिए अपने दोनों बच्चों के साथ दिल्ली आना पड़ा। इसलिए दोनों बच्चों की देखभाल नाना के पास होने लगी। परंतु इंदिरा जी अन्य सब कामों के साथ अपने बच्चों का अधिक से अधिक काम स्वयं करती थी। जवाहर लाल नेहरू के बाद लाल बहादुर शास्त्री जी को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया। लेकिन लाल बहादुर शास्त्री जी की मौत के बाद इंदिरा गांधी देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनी।

31 अक्तूबर, 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश की डांवांडोल होती राजनीतिक परिस्थितियों को संभालने के लिए उन्हें (Rajiv Gandhi) प्रधानमंत्री बनाया गया। उस समय कई लोगों ने उन्हें नौसिखिया भी कहा, लेकिन जिस तरह से उन्होंने यह जिम्मेदारी निभाई, उससे सभी अचंभित रह गए। उनका शासनकाल कई आरोपों से भी घिरा रहा, जिसमें बोफोर्स घोटाला सबसे गंभीर था इसके अलावा उनपर कोई ऐसा दाग नहीं था, जिसकी वजह से उनकी निंदा हो।

श्रीलंका में चल रहे लिट्टे और सिंहलियों के बीच युद्ध को शांत करने के लिए राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) ने भारतीय शांति सेना को श्रीलंका में तैनात कर दिया। अपने राजनीतिक फैसलों में कट्टरपंथियों को नाराज कर चुके राजीव गांधी पर श्रीलंका में सलामी गारद के निरीक्षण के दौरान हमला किया गया, लेकिन वे बाल-बाल बच गए, पर 1991 में ऐसा नहीं हो सका।

लिट्टे ने तमिलनाडु में चुनाव प्रचार के दौरान राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) पर आत्मघाती हमला करवा दिया। 21 मई, 1991 को रात 10 बजे के करीब एक महिला राजीव गांधी से मिलने के लिए स्टेज तक गई और उनके पांव छूने के लिए जैसे ही झुकी, उसके शरीर में लगा आर.डी.एक्स. फट गया। इस हमले में राजीव गांधी का निधन हो गया।

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