President Ram Nath Kovind Birthday
राम नाथ कोविन्द (Ram Nath Kovind) ने 25 जुलाई, 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की। श्री कोविन्द उच्चतम न्यायालय में अधिवक्ता रहे हैं और देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद ग्रहण करने से पूर्व वे बिहार राज्य के राज्यपाल थे। श्री कोविन्द को जनता के बीच जमीनी स्तर पर कार्य करने से लेकर उच्चतम न्यायालय और संसद तक के विविध क्षेत्रों में कार्य करने का अनुभव है। वे समाज में समता और सार्वजनिक जीवन में सत्यनिष्ठा व प्रामाणिकता के प्रबल पक्षधर रहे हैं।
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आरंभिक जीवन और शिक्षा
श्री कोविन्द (Ram Nath Kovind) का जन्म 01 अक्तूबर, 1945 को उत्तर प्रदेश में कानपुर जिले के परौंख गांव में हुआ। एक साधारण परिवार से होने के कारण उनका जीवन सादगी पूर्ण रहा। उनकी स्कूली शिक्षा और उच्चतर शिक्षा भी कानपुर में हुई। उन्होंने पहले कॉमर्स ग्रेजुएट की परीक्षा उत्तीर्ण की और फिर कानपुर विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। मई, 1974 में श्री कोविन्द का विवाह श्रीमती सविता कोविन्द से हुआ। उनके एक पुत्र और एक पुत्री है।
राष्ट्रपति को उनके जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से बधाई दी।
Birthday wishes to Rashtrapati Ji. His rich insights and wise understanding of policy matters are great assets for our nation. He is extremely compassionate towards serving the vulnerable. I pray for his good health and long life. @rashtrapatibhvn
— Narendra Modi (@narendramodi) October 1, 2020
माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। देश के गरीब और वंचित वर्ग के कल्याण व सशक्तिकरण के प्रति आपका समर्पण हम सभी को प्रेरित करता है। आपकी बुद्धिमत्ता व कौशल से देश को नया बल मिला है। आपके उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु की कामना करता हूँ। @rashtrapatibhvn
— Amit Shah (@AmitShah) October 1, 2020
राम नाथ कोविन्द (Ram Nath Kovind) का व्यावसायिक करियर
श्री कोविन्द (Ram Nath Kovind) ने 1971 में दिल्ली बार कौंसिल में अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया। वे 1977 से 1979 तक दिल्ली उच्च न्यायालय में केन्द्र सरकार के अधिवक्ता रहे। 1978 में वे भारत के उच्चतम न्यायालय में एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड बने। वे, 1980 से 1993 तक उच्चतम न्यायालय में केन्द्र सरकार के स्थायी अधिवक्ता रहे। नई दिल्ली की ‘फ्री लीगल एड सोसायटी’ के जरिए, उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों, विशेष रूप से महिलाओं और ग़रीबों को निशुल्क कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराई।
संसदीय और सार्वजनिक जीवन
श्री कोविन्द (Ram Nath Kovind) अप्रैल 1994 में, उत्तर प्रदेश से संसद के उच्चतर सदन, राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। मार्च 2006 तक 6-6 वर्ष के लगातार दो कार्यकालों के लिए वे राज्यसभा के सदस्य रहे। अनेक संसदीय समितियों के सदस्य के तौर पर कार्य करते हुए, उन्होंने शासन प्रणाली का गहन अनुभव प्राप्त किया। भारतीय शिष्टमंडल के सदस्य के रूप में 22 अक्तूबर, 2003 को उन्होंने संयुक्त राष्ट्र आमसभा को संबोधित किया।
श्री कोविन्द (Ram Nath Kovind) की प्रबल मान्यता है कि शिक्षा सामाजिक सशक्तीकरण का उत्कृष्ट साधन है। वे राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की बेहतर भागीदारी का समर्थन करते हैं। उनका समाज से निरंतर आग्रह रहा है कि समाज के वंचित वर्गों, विशेष रूप से दिव्यांगजनों व अनाथ बच्चों के लिए अधिक अवसर उपलब्ध कराए जाएं। वे डॉ. बी. आर. आम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रबंधन बोर्ड के और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), कोलकाता के ‘बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स’ के सदस्य भी रहे हैं।
राष्ट्रपति कोविन्द (Ram Nath Kovind) की सोच यह है कि जनता और सरकार में उनके प्रतिनिधियों के बीच आदर्श भागीदारी होनी चाहिए और इसके लिए सभी को अधिक से अधिक प्रयास करने चाहिए।
बिहार के राज्यपाल
08 अगस्त, 2015 को श्री कोविन्द (Ram Nath Kovind) ने बिहार के राज्यपाल का पदभार संभाला। संविधान के मूल्यों को बनाए रखने के लिए, राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल की सबने सराहना की। कुलाधिपति के रूप में उन्होंने राज्य विश्वविद्यालयों के कामकाज में अनेक सुधार लागू किए और आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग शुरू किया तथा कुलपतियों की नियुक्ति में पारदर्शिता का समावेश किया। अपनी राजनीतिक सूझ-बूझ, दूरदर्शिता और लोकतांत्रिक मूल्यों व आदर्शों के प्रति दृढ़ आस्था के लिए उन्हें सभी राजनीतिक दलों के नेता सम्मान की दृष्टि से देखते थे।
राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण
राज्यपाल के रूप में श्री कोविन्द (Ram Nath Kovind) की उपलब्धियों को देखते हुए, 2017 में वे, राष्ट्रपति पद के मजबूत दावेदार के रूप में उभरकर सामने आए। सर्वोच्च संवैधानिक पद पर उनके निर्वाचन के बाद, उन्होंने अत्यंत दूरदर्शिता और विनम्रता के साथ भारत के प्रथम नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों को निभाया। भारत के वैश्विक सम्पर्क का विस्तार और वैश्विक पटल पर भारत की छवि का प्रसार करते हुए उन्होंने दिसम्बर, 2019 तक 28 देशों की राजकीय यात्राएं कीं। इन राजकीय यात्राओं के दौरान, राष्ट्रपति कोविन्द ने भारत की ओर से शांति, प्रगति और भाईचारे का संदेश विश्व को दिया है। राष्ट्रपति के रूप में उन्हें 6 देशों द्वारा वहां का सर्वोच्च राजकीय सम्मान प्रदान किया गया है; इन देशों के नाम हैं: मेडागास्कर, इक्वेटोरियल गिनी, ऐस्वातिनी, क्रोएशिया, बोलिविया और गिनी गणराज्य।
भारत के सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में, राष्ट्रपति कोविन्द (Ram Nath Kovind) ने मई, 2018 में विश्व के सर्वाधिक ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्र पर तैनात सैनिकों से मिलने के लिए सियाचिन के ‘कुमार पोस्ट’ की ऐतिहासिक यात्रा की। उन्हें पढ़ने का बेहद शौक है और राजनीति तथा सामाजिक परिवर्तन, विधि, इतिहास और अध्यात्म सम्बन्धी पुस्तकों के अध्ययन में उनकी गहरी रुचि है।
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