ब्रह्मोस (BrahMos Missile) पहली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो इस वक्त सर्विस में है। साल 2005 में आईएनएस राजपूत पर भारतीय नेवी (Indian Navy) ने इस मिसाइल का इंडक्शन किया था।
LAC पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत अपनी शक्तियों को मजबूत करने में लगा हुआ है। चीन (China) को हर मोर्चे पर मात देने के लिए भारत (India) पूरी तरह तैयार है। इसके अलावा चीन की हर दिन सामने आ रहीं नई चालबाजियों का जवाब देने के लिए भी भारत पुख्ता इंतजाम कर रहा है।
इसी कड़ी में 30 सितंबर को भारत ने विस्तारित रेंज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos Missile) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जो 400 किमी से अधिक दूरी तक दुश्मन को ढेर कर सकती है। यह परीक्षण उड़ीसा के बालासोर में किया गया। इस परीक्षण को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के पीजे-10 परियोजना के तहत किया गया।
The extended range BrahMos supersonic cruise missile that was test-fired off the coast of Odisha’s Balasore today. The missile can hit targets at a range of more than 400 kms. It is fitted with new indigenous booster and airframe. https://t.co/Wacj2GD4fv pic.twitter.com/ATLvoY8xE3
— ANI (@ANI) September 30, 2020
इसके तहत मिसाइल को स्वदेशी बूस्टर के साथ लॉन्च किया गया। यह ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल (BrahMos Missile) के विस्तारित रेंज संस्करण का दूसरा परीक्षण था। इस मिसाइल का एयरफ्रेम और बूस्टर स्वदेशी है। 30 सितंबर को इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में किया गया। जो भारत की सैन्य शक्ति में और अधिक मजबूती देने वाला प्रयोग है।
इस मिसाइल में इस्तेमाल किए गए एयरफ्रेम और बूस्टर को देश में ही बनाया गया है। ब्रह्मोस के अपग्रेडेड वर्जन को भारत के DRDO और रूस के NPOM ने साथ मिलकर बनाया है। जो कि वॉर शिप, सबमरीन, फाइटर जेट और जमीन से लॉन्च किया जा सकता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर DRDO को इस सफल परीक्षण के लिए बधाई दी है।
चीन के साथ तनाव के बीच भारत बढ़ा रहा अपनी ताकत, अब Indian Army को मिलेंगे ये अमेरिकी हथियार
बता दें कि ब्रह्मोस (BrahMos Missile) पहली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो इस वक्त सर्विस में है। साल 2005 में आईएनएस राजपूत पर भारतीय नेवी (Indian Navy) ने इस मिसाइल का इंडक्शन किया था। अब भविष्य में सभी वॉर शिप में नए अपग्रेडशन की सुविधा के साथ इसे शामिल किया जाएगा।
बता दें कि इससे पहले भारतीय सेना ने भी ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) को अपनी तीन रेजिमेंट में शामिल किया हुआ है, यानी अगर दुश्मन कुछ गुस्ताखी करता है तो उसे करारा जवाब दिया जाएगा।
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लद्दाख (Ladakh) में चीन के साथ पिछले कुछ महीनों से जिस तरह की तनाव की स्थिति है, ऐसे वक्त में भारत के हाथ नई ताकत का लगना दुश्मन को सकते में डाल सकता है। भारत लगातार देसी और विदेशी हथियारों से सेना को मजबूत करने में जुटा हुआ है।
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