झारखंड: नक्सल प्रभावित इलाके में पहाड़ी काटकर इन दोनों बुजुर्गों ने बनाया रास्ता, कहा- दशरथ मांझी से मिली प्रेरणा

भेलवाघाटी गांव के 2 लोग इस्लाम मियां और डोमन मियां ने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से एक पहाड़ी को काटकर 4 किलोमीटर लंबा रास्ता बना दिया है।

Bhelwaghati

साभार- सोशल मीडिया

जिस जगह ये रास्ता बनाया गया है, वह चकाई प्रखंड का है। यह एक अति नक्सल (Naxalites) प्रभावित क्षेत्र है। इस इलाके में सुविधाओं का अभाव है और यहां करीब 70 फीसदी लोग आदिवासी हैं।

रांची: झारखंड में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच यहां के भेलवाघाटी गांव से जनता को प्रेरित करने वाली खबर सामने आई है।

दरअसल भेलवाघाटी गांव के 2 लोग इस्लाम मियां और डोमन मियां ने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से एक पहाड़ी को काटकर 4 किलोमीटर लंबा रास्ता बना दिया है। इन दोनों ने ये काम करके माउंटेन मैन दशरथ मांझी की यादें ताजा कर दी हैं।

इन दोनों लोगों ने 3 साल में चकाई प्रखंड में स्थित दुर्गम मड़वा पहाड़ी को काटकर रास्ता बनाया है। इस नए रास्ते के बनने से जनता को काफी राहत मिली है और 70 गांवों के लोगों की दूरी भी घटी है।

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इस रास्ते के बनने से गांव से जमुई पहुंचने में महज सवा 2 घंटे लगते हैं। ऐसे में रास्ता तैयार करने वाले डोमन मियां और इस्लाम मियां का कहना है कि ग्रामीणों को तब ज्यादा सुकून मिलेगा, जब सरकार इस रास्ते को पक्का कर देगी।

रास्ता तैयार करने वाले इस्लाम मियां और डोमन मियां ने कहा कि उन्होंने दशरथ मांझी के बारे में सुना था, जो बिहार के थे और उन्होंने सालों की मेहनत के बाद पहाड़ काटकर रास्ता बना दिया था। हमने भी उन्हीं से प्रेरणा ली है। उन्होंने बताया कि 2017 में पहाड़ी को काटने का काम शुरू कर दिया था।

बता दें कि जिस जगह ये रास्ता बनाया गया है, वह चकाई प्रखंड का है। यह एक अति नक्सल (Naxalites) प्रभावित क्षेत्र है। इस इलाके में सुविधाओं का अभाव है और यहां करीब 70 फीसदी लोग आदिवासी हैं।

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