झारखंड के शिक्षामंत्री ने 53 साल की उम्र में लिया 11वीं क्लास में एडमिशन, बताई ये वजह

झारखंड में सिर्फ जगरनाथ महतो ही अकेले दसवीं पास मंत्री नहीं हैं, बल्कि कई अन्य मंत्री भी इस कतार में हैं।

Jagarnath-Mahato

इसी साल जनवरी में जगरनाथ महतो ने शिक्षा मंत्री का पद संभाला था। तभी कुछ लोगों ने कमेंट किया था कि दसवीं पास को शिक्षा विभाग कैसे दे दिया गया है।

कहते हैं कि पढ़ने और सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। इसी को सच कर दिखाया है झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो (Jagarnath Mahato ) ने। उन्होंने 53 साल की उम्र में फिर से पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने सोमवार को बोकारो के नावाडीह के देवी महतो इंटर कॉलेज में 11वीं में एडमिशन लिया है। दरअसल इसी साल जनवरी में उन्होंने शिक्षा मंत्री का पद संभाला था। तभी कुछ लोगों ने कमेंट किया था कि दसवीं पास को शिक्षा विभाग कैसे दे दिया गया है।

इसके बाद ही जगरनाथ ने तय किया था कि वे आगे की पढ़ाई करेंगे। झारखंड में सिर्फ जगरनाथ महतो ही अकेले दसवीं पास मंत्री नहीं हैं, बल्कि कई अन्य मंत्री भी इस कतार में हैं।

जगरनाथ महतो ने कहा, शिक्षा हासिल करने की कोई उम्र सीमा नहीं होती। नौकरियां करते हुए लोग आईएएस, आईपीएस की तैयारी करते हैं और सफल भी होते हैं।

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शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनके अंदर कुछ करने का जज्बा है। शिक्षामंत्री ने बताया कि राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

सोमवार को महतो ने राज्यभर में 4,416 आदर्श इंटर स्कूल स्थापित करने के लिए विभाग की एक संचिका पर हस्ताक्षर किया है। यह प्रस्ताव कैबिनेट में जाएगा और राज्य मंत्रिपरिषद से स्वीकृति मिलने के बाद राज्यभर में आदर्श स्कूल स्थापित कर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराएगा।

शिक्षा मंत्री ने ये भी कहा कि जब इसी साल जनवरी में उन्होंने पदभार संभाला तो लोगों ने उन पर कमेंट किया। लोगों का कहना था कि भला दसवीं पास व्यक्ति शिक्षा मंत्रालय को कैसे चला पाएगा। इसके बाद से ही उन्होंने तय किया कि वे आगे की पढ़ाई भी करेंगे।

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