छत्तीसगढ़: सुकमा के सिलगेर में कैंप खुलने से बौखलाया नक्सली कमांडर हिडमा, लाल आतंक का होगा खात्मा

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ ताबड़तोड़ अभियान जारी है। सुकमा में भी सुरक्षाबलों ने कार्रवाई को तेज कर दिया है।

CRPF

फाइल फोटो।

सिलगेर में कैंप का खुलना इसलिए भी अहम है क्योंकि इस एरिया में नक्सलियों (Naxalites) का वर्चस्व है, जोकि कैंप के खुलने से पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

सुकमा: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ ताबड़तोड़ अभियान जारी है। सुकमा में भी सुरक्षाबलों ने कार्रवाई को तेज कर दिया है। यहां के सिलगेर में सुरक्षाबलों का कैंप खुलने से नक्सली कमांडर हिडमा का सिर दर्द बढ़ गया है, यही वजह है कि बाकी नक्सली भी बौखलाए हुए हैं और आदिवासियों के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं यानी उन्हें भड़का रहे हैं।

यही वजह थी कि सोमवार को सिलगेर कैंप के विरोध में जो भीड़ जुटी थी, वो नक्सलियों (Naxalites) की ही साजिश थी। नक्सली इस बात को बखूबी जानते हैं कि अगर कैंप खुला तो उनका वर्चस्व खत्म हो जाएगा।

सिलगेर में कैंप का खुलना इसलिए भी अहम है क्योंकि जगरगुंडा के आगे बीजापुर के तर्रेम तक नक्सलियों का वर्चस्व है, जोकि कैंप के खुलने से पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

सिलगेर से करीब सात किलोमीटर दक्षिण में नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा का पुवर्ती गांव है। यहीं से वो नक्सली गतिविधियों का खाका तैयार करता है। लेकिन अब सिलगेर में कैंप खुलने से हिडमा के आतंक को सुरक्षाबलों की ओर से खुली चुनौती मिलेगी।

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सिलगेर के आसपास के सभी गांवों में नक्सलियों का राज चलता है। 3 अप्रैल 2021 को यहीं के गांव टेकलगुड़ा-जोन्नागुड़ा में नक्सली हमला हुआ था, जिसमें हमारे 22 जवान शहीद हो गए थे।

लेकिन अब सुरक्षाबलों ने तर्रेम और सिलगेर दोनों जगह कैंप बना दिए हैं, जिससे नक्सलियों को अपने कदम पीछे हटाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

खबर है कि सिलगेर में सुरक्षाबलों ने कैंप इसलिए खोला है, जिससे नक्सली कमांडर हिडमा के गांव तक पहुंचा जा सके।

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