सांकेतिक तस्वीर।
कोराना के पहले फेज के मद्देनजर लगे लॉकडाउन में भी नक्सलियों (Naxalites) को काफी नुकसान हुआ था। कई नक्सलियों की गिरफ्तारी होने के कारण उनपर दबाव बढ़ गया।
बिहार (Bihar) के जमुई जिले में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। जिससे नक्सलियों पर दबाव बढ़ा है और वे धीरे-धीरे कमजोर हो रहे हैं। इसके साथ ही कोरोना काल में नक्सलियों की कमर टूट गई है। सूत्रों के मुताबिक, कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन (Lockdown) से नक्सलियों को राशन नहीं मिल पाया है। लॉकडाउन में उनका सप्लाई चेन भी ध्वस्त हो गया।
इस दौरान नक्सली रसद की कमी से जूझते रहे। बता दें कि कोराना के पहले फेज के मद्देनजर लगे लॉकडाउन में भी नक्सलियों (Naxalites) को काफी नुकसान हुआ था। कई नक्सलियों की गिरफ्तारी होने के कारण उनपर दबाव बढ़ गया।
इस साल 28 मार्च को जिल के लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के आनंदपुर के नक्सली योगेद्र मिस्त्री को गिरफ्तार किया गया। उसके खिलाफ लक्ष्मीपुर थाना में कांड संख्या 98/17 दर्ज है। आनंदपुर के ही लालो रविदास की गिरफ्तारी भी नक्सल केस में हुई। लक्ष्मीपुर थाना कांड संख्या 116/17 में नक्सली पिंकू यादव की गिरफ्तारी हुई।
इसके अलावा 20 जून को कांड संख्या 106/17 में मटिया बाजार से नक्सली वीरेंद्र दास को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इससे पहले 8 जून को चकाई थाना क्षेत्र के हांसीकोल जंगल से नक्सली छोटेलाल हांसदा को गिरफ्तार किया गया।
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15 जून को बरमोरिया से नक्सली साहब उर्फ अजीत तथा 19 जून को बेला गांव से श्यामलाल मुर्मू को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा खैरा तथा चरकापत्थर इलाके से भी नक्सलियों को गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिल चुकी है।
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जमुई जिले के एएसपी अभियान सुधांशु कुमार के मुताबिक, “नक्सलियों के खिलाफ छापेमारी अभियान लगातार जारी है। इसमें पुलिस को सफलता भी मिल रही है। जमुई तथा आसपास के इलाके में नक्सली अपने को कमजोर महसूस कर रहे हैं।”
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