बिहार: निशाने पर थी पुलिस पर गई बच्ची की जान, नक्सलियों ने बिछाई बारुदी सुरंग

बिहार के गया में पुलिस को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों (Naxalites) द्वारा लगाई गई बारूदी सुरंग की चपेट में आने से एक बच्ची की मौत हो गई। यह घटना जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र लूटुआ थाना के हरदिया जंगल की है।

Naxalites

बिहार के गया में पुलिस को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों (Naxalites) द्वारा लगाई गई बारूदी सुरंग की चपेट में आने से एक बच्ची की मौत हो गई।

बिहार के गया में पुलिस को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों (Naxalites) द्वारा लगाई गई बारूदी सुरंग की चपेट में आने से एक बच्ची की मौत हो गई। यह घटना जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र लूटुआ थाना के हरदिया जंगल की है।

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मृत बच्ची के परिजन।

मिली जानकारी के अनुसार, भुसिया बनकट गांव के शिवरतन मांझी की बेटी मल्लु कुमारी दोस्तों के साथ 21 दिसंबर को हरदिया जंगल गयी थी। इस दौरान जंगल में बने रास्ते पर नक्सलियों (Naxalites) द्वारा बिछाया गया एक बारुदी सुरंग विस्फोट हो गया। इस विस्फोट में बच्ची के मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि घटना की सूचना मल्लू के सहेलियों ने घरवाले को जाकर दी जिसके बाद से परिजन जंगल गए, लेकिन शव नहीं मिला। जानकारी के अनुसार, नक्सलियों ने परिजनों को परोक्ष रूप से धमकी दी है कि वह इस मामले की पुलिस में शिकायत नहीं करें। परिजन अभी सिर्फ इतना ही बता रहे हैं कि काफी खोजबीन के बाद भी शव नहीं मिला है।

हालांकि घटना को लेकर स्थानीय थाना में किसी तरह का आवेदन नहीं दिया है। इस संबंध में इमामगंज कैंप के डीएसपी अजीत कुमार के मुताबिक, 21 दिसंबर की शाम को पुलिस को सूचना मिली थी। डीएसपी के अनुसार, उस इलाके में बड़ी संख्या में नक्सलियों (Naxalites) ने बारुदी सुरंग लगा रखी है। अगर रात में पुलिस जाती है तो नक्सली उन्हें अपना निशाना बनाकर विस्फोट करा सकतें हैं। वहीं, एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि यह जंगली इलाका है, यहां नक्सलियों (Naxalites) ने काफी संख्या में बारुदी सुरंग बिछा रखा है। इसलिए पुलिस नक्सली क्षेत्र मे सर्च अभियान के तय मानकों का पालन करते हुए शव की खोज में निकलेगी।

उन्होंने संबंधित थाना और डीएसपी को परिजनों से बात करके पूरी छानबीन करने और परिजन के लिखित शिकायत नहीं करने की स्थिति में अपने स्तर से कार्रवाई का निर्देश दिया है। इस इलाके में पहले भी इस तरह की घटना हुई है जिसमें लकड़ी चुनने के दौरान बच्चियां लैंडमाइंस की शिकार हुई हैं और परिजन विभिन्न वजहों से पुलिस में लिखित शिकायत नहीं की है। बता दें कि ये लैंडमाइंस नक्सलियों (Naxalites) ने सुरक्षाकर्मियों को टारगेट करने के लिए लगा रखे हैं। जिसे पुलिस के सर्च अभियान के दौरान विस्फोट कराने की कोशिश करते हैं। पर इसका शिकार स्थानीय लोग और मासूम बच्चे भी हो रहे हैं।

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