बिहार: औरंगाबाद में नक्सलियों की करतूत का पर्दाफाश, धन उगाही के लिए चला रहे शराब बनाने का धंधा

बिहार (Bihar) के औरंगाबाद जिले के देव एवं मदनपुर थाना का दक्षिणी क्षेत्र भाकपा माओवादी नक्सलियों का इलाका माना जाता है। इलाके के जंगल और पहाड़ नक्सलियों के सेफ जोन हैं। इस जोन में नक्सलियों का ही बोल-बाला है।

Naxals

सांकेतिक तस्वीर।

नक्सलियों (Naxals) की गिरफ्तारी को लेकर सीआरपीएफ (CRPF) और जिला पुलिस (Police) इस इलाके में नियमित छापामारी करती है। पुलिस का मानना है कि इस इलाके में नक्सलियों के सहयोग के बिना यह धंधा नहीं हो सकता है।

बिहार (Bihar) के औरंगाबाद जिले के देव एवं मदनपुर थाना का दक्षिणी क्षेत्र भाकपा माओवादी नक्सलियों का इलाका माना जाता है। इलाके के जंगल और पहाड़ नक्सलियों के सेफ जोन हैं। इस जोन में नक्सलियों का ही बोल-बाला है। जिले में नक्सलियों ने धन उगाही के लिए एक नया पैंतरा अपनाया है।

दरअसल, इस नक्सली इलाके (Naxal Area) में बड़े पैमाने पर महुवा से शराब बनाने का धंधा हो रहा है। इस धंधे से शराब के धंधेबाजों के अलावा नक्सलियों (Naxalites) के आर्थिक स्रोत का मामला सामने आया है। देव थाना पुलिस (Police) ने 27 दिसंबर को थाना क्षेत्र के बरहा, नारायणपुर, चरैया, मुर्गारा, चिनगी समेत अन्य नक्सल क्षेत्र के गांवों में छापामारी की तो जंगल में संचालित करीब 25 महुआ शराब भट्ठियों को ध्वस्त किया।

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उधर, देव थानाध्यक्ष वंकटेश्वर ओझा के मुताबिक, एएसआई देव थाना की पुलिस टीम ने जंगली इलाको में स्थित चिनगी गांव के पास जंगलों और नदी के तट पर छापेमारी की और महुवा शराब भट्ठी को ध्वस्त किया। इसके बाद चरैया ,मुरगाड़ा, बरहा , नारायणपुर गांव के पास जंगल की झाड़ियों में भी अवैध रूप से संचालित शराब भट्ठियों को ध्वस्त किया गया।

थानाध्यक्ष के अनुसार, छापामारी की भनक लगते ही शराब के धंधेबाज जंगल में भागने में सफल रहे। मौके से भारी मात्रा में शराब , शराब बनाने का उपकरण आदि को जब्त कर उन्हें जंगल में ही नष्ट कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक, करीब 5000 लीटर शराब नष्ट किया गया है।

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बता दें कि नक्सलियों (Naxals) की गिरफ्तारी को लेकर सीआरपीएफ और जिला पुलिस इस इलाके में नियमित छापामारी करती है। पुलिस का मानना है कि इस इलाके में नक्सलियों के सहयोग के बिना यह धंधा नहीं हो सकता है। नारकोटिक्स के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि नक्सली अपनी आर्थिक स्रोत को मजबूत करने के लिए अपने इलाके में गांजा, अफीम जैसे मादक पदार्थों की खेती और शराब का धंधा कराते हैं।

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