ये सेना का 92 बेस अस्पताल है। साल 1942 से ये अस्पताल (Army Hospital) मोटो (टचिंग हार्ट्स सेविंग लाइफ) के साथ जवानों को अपनी सेवाएं दे रहा है।
जम्मू कश्मीर: घाटी में आतंकियों के खिलाफ अभियान जारी है। ऐसे में यहां एक ऐसा अस्पताल (Army Hospital) भी है, जो घायल जवानों के लिए वरदान है। आज हम आपको उस अस्पताल के बारे में ही बताने जा रहे हैं।
ये सेना का 92 बेस अस्पताल है। साल 1942 से ये अस्पताल (Army Hospital) मोटो (टचिंग हार्ट्स सेविंग लाइफ) के साथ जवानों को अपनी सेवाएं दे रहा है। ये एक मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल है। इसमें करीब 600 बेड्स हैं और ये श्रीनगर के बादामीबाग कैंटोनमेंट इलाके में स्थित है।
यहां इलाज की सभी बुनियादी सुविधाएं हैं और ईएनटी, डर्मेटोलॉजी, साइकेट्री, पीडियाट्रिक्स, कैराकोलॉजी आदि के मरीजों का स्पेशल ट्रीटमेंट किया जाता है।
घाटी में तैनात 15 कोर के तहत आने वाले सभी जवान अपना इलाज यहीं करवाते हैं। जो भी जवान किसी ऑपरेशन के दौरान जब घायल हो जाते हैं, तो उनका इलाज यहीं किया जाता है। इस अस्पताल की खासियत ये है कि यहां का सक्सेज रेट बहुत ज्यादा है। यहां 4 से 5 सर्जिकल टीमें हमेशा मौजूद रहती हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यहां के ब्रिगेडियर संजय मौर्या ने बताया कि कोरोना के दौरान भी यहां मृत्यु दर एक प्रतिशत से भी कम है। कोरोना से जंग में हम जीत रहे हैं।
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