नक्सलियों ने ब्लास्ट कर उड़ा दिया था स्कूल, 13 साल बाद फिर ‘स्कूल चलें हम’ अभियान की हुई शुरुआत
नक्सली इलाके के होनहारों को कलम के बदले बंदूक की शिक्षा देना चाहते थे। लेकिन अब यहां रहने वाले बच्चों को आशा की नई किरण नजर आई है।
नक्सली इलाके के होनहारों को कलम के बदले बंदूक की शिक्षा देना चाहते थे। लेकिन अब यहां रहने वाले बच्चों को आशा की नई किरण नजर आई है।