जबलपुर का यह गांव जांबाजों की खान है
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 330 किलोमीटर दूर बसा यह गांव राष्ट्रसेवा में हमेशा आगे रहा है। इस गांव से लगभग पचास लोग सेना और अर्धसैनिक बल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
शादी की बात करने आना था घर, आया तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर
साथियों को बचाने के लिए सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमान्डेंट नागसेप्पम मनोरंजन सिंह ने अपने सीने पर खाई गोलियां।
वो ‘आतंकवादी’ जिसकी शहादत पर पूरे देश को नाज है…
उनके सिर पर काफी चोटें आई थीं। जख्मी होने के बावजूद नजीर वानी ने आतंकियों को भागने नहीं दिया। वह आतंकियों के भाग निकलने के रास्ते पर डटे रहे। उन्होंने दूसरे आतंकी को भी ढेर कर दिया। इस एनकाउंटर में वानी और उनके साथियों ने कुल 6 आतंकियों को मार गिराया था।