अगर इकोनॉमी में किसी देश की GDP 2 तिमाही में निगेटिव आए तो इसे मंदी की हालत माना जाता है। इसका सीधा मतलब ये है कि देश आर्थिक मंदी का शिकार हो रहा है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच 27 नवंबर यानी आज GDP ग्रोथ के दूसरी बार आंकड़े आए हैं। दूसरी यानी सितंबर तिमाही में GDP ग्रोथ निगेटिव यानी 7.5 फीसदी रही है।
वित्त वर्ष की पहली यानी जून की तिमाही में करीब 24 फीसदी की भारी गिरावट आ चुकी है। हालांकि पहली तिमाही से तुलना करने पर इकोनॉमी रिकवर हुई है, लेकिन इसके बावजूद निगेटिव ग्रोथ का आना सही नहीं है।
बता दें कि अगर इकोनॉमी में किसी देश की GDP 2 तिमाही में निगेटिव आए तो इसे मंदी की हालत माना जाता है। इसका सीधा मतलब ये है कि देश आर्थिक मंदी का शिकार हो रहा है।
भारत की इस वित्त वर्ष में लगातार 2 तिमाही में जीडीपी का निगेटिव रहना तो यही संकेत दे रहा है।
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